अपडेटेड 1 January 2025 at 21:27 IST

'हम हिंदू धर्म अपनाना चाहते थे, ये मेरी बहनों को बेचना... इन मुसलमानों को छोड़ना मत', मां-बहन की हत्या के बाद अरशद का VIDEO

Lucknow crime news: अरशद ने अपनी बहनों और मां की कलाई और गला काटने का अपराध स्वीकार किया है। उसने कहा कि उसकी बस्ती के मुस्लिम मेरी बहनों को बेचना चाहते थे।

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Lucknow Murder Case: नए साल की पूर्व संध्या पर जब पूरी दुनिया जश्न में डूबी थी, तो लखनऊ के एक होटल में अरशद ने अपनी 4 बहनों और मां की हत्या करदी। लखनऊ हत्याकांड के आरोपी अरशद का कबूलनामा सुन आप सिहर जाएंगे। अरशद ने कैसे अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार ये सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उस वक्त आपको गुस्सा आएगा जब हत्याकांड के पीछे की वजह पता चलेगी।

अपनी बहनों और मां को मौत के घाट उतारने से पहले अरशद ने एक वीडियो बनाया है। जिसमें अपनी बस्ती के मुसलमानों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगा रहा है। अरशद कहता है कि वो बस्ती के मुसलमानों से परेशान होकर हिंदू धर्म अपनाना चाहता था, लेकिन वो भी नहीं हो सका। उसने परेशान होकर लखनऊ के एक होटल में अपनी चार बहनों और मां की कथित तौर पर हत्या कर दी।

9 साल की बहन और मां की भी हत्या

आरोपी मोहम्मद अरशद भी आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन उसे इस दिल दहलाने वाली घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटना नाका क्षेत्र में स्थित होटल शरनजीत में घटित हुई। पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी ने कहा कि आरोपी की पहचान अरशद के रूप में हुई जिसने अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी। इस घटना के बाद पुलिस ने उसे घटनास्थल से ही पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक, मृतकों की पहचान आलिया (9), अलशिया (19), अक्सा (16), रहमीन (18) और अस्मा के रुप में हुई है। ये सभी अरशद की बहनें है और अस्मा आरोपी युवक की मां है।

इस घटना के तुरंत बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। जिसमें अरशद ने अपनी बहनों और मां की कलाई और गला काटने का अपराध स्वीकार किया है। उसका दावा है कि उसने अपने क्षेत्र के लोगों द्वारा उत्पीड़न की वजह से यह कदम उठाया है।

'हम हिंदू धर्म अपनाना चाहते थे...'

अरशद ने वीडियो में कहा, 'मैं मेरे पूरे परिवार के साथ असहाय और हताश होकर यह कदम उठाने को मजबूर हूं... मैंने मेरी बहनों की हत्या कर दी है। अगर पुलिस को यह वीडियो मिलता है, मेरी गुजारिश है कि वे इसके लिए बस्ती के लोगों को जिम्मेदार ठहराएं।

अरशद का आरोप है कि उसके क्षेत्र के लोगों ने उसका घर हड़पने के लिए उसके परिवार पर अत्याचार किए हैं। जिसके खिलाफ आवाज उठाने के बावजूद किसी ने कभी उनकी बात नहीं सुनी। उसके मुताबिक, 'दस दिन हो गए हैं और हमें फुटपाथ पर सोने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने हमसे हमारा घर ले लिया है, जबकि उस घर के कानूनी कागजात हमारे पास हैं। हम इसे एक मंदिर के लिए समर्पित करना चाहते थे और हम हिंदू धर्म अपनाना चाहते थे, लेकिन हमसे सबकुछ छीन लिया गया।'

सीएम योगी से गुजारिश

अरशद ने पुलिस और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस वीडियो में अपील की है जिसमें उसने कहा है, 'जब पुलिस को यह वीडियो मिलता है, मेरी लखनऊ पुलिस और योगी जी से गुजारिश है कि वे ऐसे मुस्लिमों को ना छोड़ें। आप जो काम कर रहे हैं वह तारीफ के काबिल है क्योंकि ये मुस्लिम जमीन हड़पने और हर किसी को दबाने में लगे हुए हैं। वे नकली नोटों का चलाने सहित गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।'

'मेरी बहनों को बेचना चाहते हैं'

उसने जोर देकर कहा कि उसके परिवार ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। अरशद ने रानू उर्फ आफताब, अहमद, अलीम खान, सलीम ड्राइवर, अहमद रानू, आरिफ और अजहर को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। उसका आरोप है कि ये लोग एक बड़ा भूमाफिया गिरोह चलाते हैं और लड़कियों सहित मानव तस्करी में शामिल हैं। अरशद ने जुर्म स्वीकारते हुए कहा-

'इन लोगों की योजना हमें झूठे मामले में फंसाने और हमें जेल भेजने की थी और हमारी बहनों को हैदराबाद के बेचना चाहते थे। यह सब हम बर्दाश्त नहीं कर सकते थे जिसकी वजह से हमें यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।'

बांग्लादेशी बताते थे बस्ती वाले

उसने एक पलंग पर पड़े अपनी बहनों के शवों का वीडियो क्लिप में दिखाया। अरशद ने दावा किया कि उसने पुलिस और नेताओं से मदद मांगी थी, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। उसने कहा कि उसका परिवार मूल रूप से बदायूं का रहने वाला है और उनके पास 1947 तक के दस्तावेज है। इसके बावजूद, उन्हें झूठा फंसाया जा रहा था और बांग्लादेशी बताया जा रहा था।

अरशद ने कहा, 'अगर जीते जी हमें न्याय नहीं मिलता, तो हमारे मरने के बाद दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन लोगों ने पहले ही आधी संपत्ति ले ली है और बाकी लेने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह जरूर कहूंगा कि अगर आप सच्चे हिंदू और ठाकुर हैं तो यह बात जानें कि हम हिंदू धर्म अपनाना चाहते थे। उस मकान पर केवल मंदिर बनना चाहिए।'

अरशद ने यह भी साफ किया कि जिस गेस्ट हाउस में उसका परिवार ठहरा था, वहां के लोग इस घटना में शामिल नहीं थे। यह अभी तक साफ नहीं है कि यह परिवार आगरा से कब लखनऊ पहुंचा और इसके पीछे क्या कारण था।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 January 2025 at 21:27 IST