अपडेटेड 21 March 2025 at 15:55 IST
UP में औरंगजेब विवाद की एंट्री; वाराणसी में उठी नाम बदलने की मांग, सपाइयों को लगी मिर्ची, जानिए अखिलेश के नेता ने क्या कहा?
वाराणसी के औरंगाबाद इलाके के लोगों ने कहा कि वो अब नहीं चाहते कि उनके क्षेत्र की पहचान औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से हो। लोगों ने मेयर को एक ज्ञापन भी दिया।
Varanasi: औरंगजेब को लेकर विवाद अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एंट्री ले चुका है। पिछले दिनों महाराष्ट्र में औरंगजेब पर भारी सियासत रही। हालांकि वाराणसी में जब विवाद उठा है तो इसमें समाजवादी पार्टी कूद पड़ी है। कुछ लोगों ने वाराणसी में औरंगाबाद मोहल्ले का नाम बदलने की मांग की तो समाजवादी पार्टी यहां बीजेपी को घेरने उतर आई है।
वाराणसी के औरंगाबाद इलाके के लोगों का कहना है कि वो अब नहीं चाहते कि उनके क्षेत्र की पहचान औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से हो। लोगों ने वाराणसी के नगर आयुक्त और मेयर को औरंगाबाद का नाम बदलने के लिए ज्ञापन भी दिया। लोगों ने मांग उठाई कि इस इलाके का नाम बदलकर हिंदू-देवी देवताओं के पर रखा जाए। हिंदू संगठन के लोगों ने कहा कि औरंगाबाद गुलामी का प्रतीक, इसे हटा देना चाहिए। काशी धर्म की नगरी और संस्कृति का केंद्र है।
औरंगजेब पर आई बात तो कूद पड़ी सपा
स्थानीय लोगों ने जब औरंगजेब का मसला वाराणसी में उठाया है, जो समाजवादी पार्टी के नेताओं को मुद्दा रास नहीं आया है। सपा के नेता यहां बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं। सपा नेता आशीष चतुर्वेदी कहते हैं- 'सरकार इसलिए चुनी जाती है कि जहां सड़कें नहीं हैं, वहां सड़कें बनाई जाएं। जो सड़कें खराब हैं, उन्हें ठीक किया जाए। लेकिन बीजेपी न सड़क बना रही है और न सड़क ठीक कर रही है। सिर्फ सड़कों के नाम बदलना चाहती है। इस तरह की राजनीति करेंगे तो नतीजा क्या निकलेगा। आप की तरह लोग भी सोचेंगे कि किसी तरह ऐसे विवाद मुद्दे उठाएं और खुद को हाइलाइट कर लें।'
इस मुद्दे पर सपा प्रवक्ता अजीज खान भी सामने आए और कहा कि इस देश में गंगा-यमुनी तहजीब का संगम है। जो बेहद खूबसूरत है। इसकी मिशाल पूरी दुनिया में दी जाती है। उन्होंने कहा- ‘बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अब तक शहरों के नाम बदलने के साथ साथ रंग बदला है। उसने ना कोई विकास का काम किया है और ना महंगाई और रोजगारी खत्म करने का प्लान है। गरीबों के उत्थान के लिए भी कोई कार्यक्रम नहीं है। बीजेपी का मकसद सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति और धार्मिक उन्माद को पैदा करना है।’
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 15:55 IST