अपडेटेड 13 February 2025 at 11:43 IST

'बंगाली बीवी' की खुदकुशी के बाद मौतों का सिलसिला...भूत-प्रेत के खौफ से औरत बना यूपी का ये मर्द, 36 साल से पहन रहा साड़ी

चिंता अपनी दूसरी पत्नी को बिना कुछ बताए गांव लौट आए। काफी दिनों के बाद भी जब चिंता वापस नहीं लौटे तो उनकी पत्नी को लगा कि उन्होंने इसे धोखा दे दिया है।

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'बंगाली बीवी' की खुदकुशी के बाद मौतों का सिलसिला...भूत-प्रेत के खौफ से औरत बना यूपी का ये मर्द, 36 साल से पहन रहा साड़ी | Image: Screen Shot

कान में बाली, गले में माला, नाक में नथिया, हाथों में नेल पॉलिश, होंठ पर लिपस्‍टिक और मांग में गहरा सिंदूर...उपर जिसकी तस्‍वीर आप देख रहे हैं वो महिला नहीं बल्‍कि एक पुरुष है। वो 36 सालों से महिला का रूप धारण कर जी रहा है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों? तो आपको बता दें कि उसे भूत-प्रेत का डर है। उसे लगता है कि अगर वो पुरुष के रूप में रहा तो भूत उसे मार देंगे।

आधुनिक युग में यह मामला ना केवल हैरान करने वाला है बल्‍कि समाज में फैले अंधविश्‍वास की गहराई को भी दर्शाता है। जानकारी के मुताबिक यूपी के जौनपुर जिले के चिंता हरण चौहान बीते 36 साल से 16 श्रृंगार किए औरत बनकर रह रहे हैं। चिंता हरण के मुताबिक ऐसा करने के पीछे कारण भूत-प्रेत से खतरा होना है। उनके अनुसार, एक आत्मा उन्‍हें परेशान करती थी और उसे डर था कि अगर वह पुरुष की तरह रहेगा, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।

तीन शादियां, बंगाली बीवी की मौत के बाद आया सपना और...

एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए चिंता हरण ने बताया कि उन्होंने तीन शादियां की थीं। जिसमें दूसरी बीवी बंगाली थी। उसकी मौत हो गई। इसके बाद मुझे यह सपना आया और उसकी आत्मा मुझे परेशान कर रही है। जिसमें मुझे महिलाओं की तरह जीने के लिए विवश कर दिया है। मेरे 9 बेटे थे, जिनमें से 7 बेटों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में इस शख्स ने महिलाओं की तरह साड़ी पहननी शुरू कर दी।

सिर पर सिंदूर लगाना भी शुरू कर दिया। चिंताहरण ने बताया कि आत्मा ने कहा कि सोलह श्रृंगार करना पड़ेगा, तभी जीवित रहोगे। ऐसे हालात में चिंता हरण सुबह उठते ही सबसे पहले महिलाओं की तरह श्रृंगार करते हैं। सिंदूर, लिपस्टिक सबकुछ लगाते हैं। इसके बाद ही बाहर निकलते हैं। उन्‍होंने बताया कि जब से वो ऐसा कर रहे हैं तब से भूत-प्रेतों ने उन्‍हें परेशान करना छोड़ दिया है।

बंगाली बीवी ने की थी आत्महत्या

66 वर्षीय चिंता ने बताया कि उनके परिजनों ने 14 साल की उम्र में ही उनकी शादी कर दी। शादी के कुछ साल बाद ही उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया। पत्नी की मौत के कुछ साल बाद वे पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर चले गए, जहां उन्होंने 21 साल की उम्र में एक भट्ठे पर काम करने लगे। वो एक स्थानीय दुकान से भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों के लिए राशन का सामान लिया करते थे। कुछ समय बाद चिंता की दुकानदार से अच्छी बातचीत हो गई, जो देखते ही देखते रिश्तेदारी में बदल गई।

राशन वाले ने अपनी बेटी को चिंता के साथ ब्याह दिया, ये चिंता की दूसरी शादी थी। चिंता की दूसरी शादी की खबर उसके गांव में लगी तो परिजनों ने काफी हंगामा किया। जिसके बाद चिंता अपनी दूसरी पत्नी को बिना कुछ बताए गांव लौट आए। काफी दिनों के बाद भी जब चिंता वापस नहीं लौटे तो उनकी पत्नी को लगा कि उन्होंने इसे धोखा दे दिया है। जिसके बाद चिंता की दूसरी पत्नी ने आत्महत्या कर ली।

फिर शुरू हुआ मौतों का सिलसिला

करीब एक साल बाद चिंता जब वापस बंगाल पहुंचे तो उन्हें मालूम चला कि उनकी दूसरी पत्नी ने उनकी वजह से ही आत्महत्या कर ली। इसके बाद वे एक बार फिर अपने गांव लौट गए और यहां आकर उन्होंने तीसरी शादी कर ली। तीसरी शादी के बाद से ही चिंता की तबीयत खराब होने लगी। इतना ही नहीं चिंता की तीसरी शादी के बाद से ही उनके घर में मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहले चिंता के पिता की मौत हुई, फिर यहां से उनके परिवार में एक के बाद एक मौत होने लगीं। चिंता के बड़े भाई, छोटे भाई, बड़े भाई की पत्नी और उनके दो बेटे, तीसरी पत्नी से जन्मीं 3 बेटियां और 4 बेटे सभी की मौत हो गई।

सपने में आती थी दूसरी पत्‍नी और

चिंता की मानें तो उनके सपने में दूसरी पत्नी आया करती थी, जिससे उन्होंने बंगाल में शादी की थी। चिंता ने बताया कि उनकी पत्नी सपने में आकर उनके द्वारा दिए गए धोखे की वजह से बहुत रोती थी। चिंता ने बताया कि उन्होंने एक दिन सपने में ही रो-रोकर पत्नी से परिजनों को बख्शने के लिए प्रार्थना की। चिंता की ऐसी स्थिति देख पत्नी को दया आ गई और उसने परिजनों को बख्शने के लिए चिंता के आगे एक शर्त रखी। बीवी ने सपने में चिंता से कहा कि यदि वे 16 श्रृंगार करके औरतों की तरह रहेंगे तो वे बाकी सबको छोड़ देगी। यही वजह है कि चिंता बीते 36 सालों से औरतों की तरह रह रहे हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि उनके परिवार में उसके बाद किसी की मौत नहीं हुई।

सच में भूत का डर या दिमागी बीमारी?

यह घटना अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य की जटिलता को उजागर करती है। यह जरूरी है कि हम बिना जांचे-परखे किसी भी अंधविश्वास को न मानें और ऐसे मामलों में वैज्ञानिक सोच अपनाएं। क्या यह व्यक्ति वास्तव में भूत-प्रेत से डरकर महिला बना या फिर यह किसी मानसिक स्थिति का परिणाम है? यह सवाल अब भी बना हुआ है? 

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 13 February 2025 at 11:43 IST