अपडेटेड 27 February 2024 at 15:07 IST
BIG BREAKING: सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का 94 साल की उम्र में निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया।
Shafiqur Rahman Barq Dies: समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हो गया। 94 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। बर्क लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इसी महीने की शुरुआत में हेल्थ खराब होने के बाद उन्हें मुरादाबाद स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शफीकुर्रहमान बर्क संभल से सांसद थे।
चार बार विधायक और कई बार सांसद रह चुके डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क 2019 में सपा के चुनाव चिह्न पर पांचवीं बार संभल से सांसद चुने गए। बर्क के निधन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सपा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल, अत्यंत दु:खद है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहने का संबल प्राप्त हो। भावभीनी श्रद्धांजलि!’’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘ पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई बार सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क के निधन की खबर अत्यंत दु:खद है। उनके परिवार एवं सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। वे काफी मिलनसार और नेक दिल इंसान थे।’’
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ने पोस्ट में कहा, ‘‘ सपा के दिवंगत सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का इंतकाल होने से देश की राजनीति में बड़ी क्षति हुई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति और दुख की इस घड़ी में शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें।’’ संभल से मिली खबर के अनुसार बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को उत्तर प्रदेश के संभल में हुआ था। सपा के टिकट पर 2019 में संभल लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वह सदन पहुंचे थे।
बर्क वंदेमातरम् को इस्लाम के खिलाफ बताकर चर्चा में आये थे
डॉ. बर्क ने तीन बार मुरादाबाद और दो बार संभल लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। उनके पौत्र जियाउर्रहमान बर्क वर्तमान में मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं। बर्क वंदेमातरम् को इस्लाम के खिलाफ बताकर चर्चा में आये थे। उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का बचाव करते हुए इसकी तुलना भारत के अपने स्वतंत्रता संग्राम से भी की थी। वह अपने सत्ता विरोधी तीखे बयान के लिए भी जाने जाते थे।
मुरादाबाद से मिली खबर के अनुसार स्थानीय सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने मंगलवार को कहा कि सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के निधन से न केवल समाजवादी आंदोलन को झटका लगा है बल्कि हमने एक मुखर योद्धा भी खो दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से राजनीति का ककहरा सीख कर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले बर्क एक मुखर मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते थे। चाहे लोकसभा में वंदेमातरम् का विरोध हो या ‘बाबरी एक्शन कमेटी’ के संयोजक के तौर पर राम मंदिर का मुद्दा, वैश्विक स्तर पर इजरायल तथा फलस्तीन के बीच युद्ध की स्थिति पर वह अपने तीखे राजनीतिक रुख के लिए पहचाने गये।
वह सबसे उम्रदराज सांसद थे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें उनके लंबे राजनीतिक जीवन और एक सांसद के रूप में लंबी उम्र के लिए बधाई दी थी। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सरकार के कार्यकाल में डॉ. बर्क को होमगार्ड मंत्री बनाया गया था। बर्क 1974 में भारतीय क्रांति दल से संभल विधानसभा सीट से विधायक बने। इसके बाद वह 1977 में जनता पार्टी, 1985 में लोकदल और 1989 में जनता दल से विधायक बने।
वह 1996 में जनता दल के टिकट पर मुरादाबाद लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद वह 1998 और 2004 में भी इसी सीट से सांसद चुने गये। साल 2009 में वह संभल सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चौथी बार सांसद बने। साल 2019 में वह बसपा, सपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में जीतकर पांचवीं बार सांसद बने थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव हाल ही में अस्पताल में भर्ती डॉ. बर्क का हालचाल जानने के लिए मुरादाबाद गये थे। सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में संभल सीट से डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को उम्मीदवार घोषित कर एक बार फिर उन पर भरोसा जताया था।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 27 February 2024 at 10:19 IST