अपडेटेड 18 February 2025 at 13:34 IST

विदेश भेजने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले सात जालसाज गिरफ्तार

UP News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में पुलिस ने फर्जी अंकपत्र के जरिए विदेश भेजने का झांसा देकर युवाओं को ठगने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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arrested | Image: Representative

UP News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में पुलिस ने फर्जी अंकपत्र के जरिए विदेश भेजने का झांसा देकर युवाओं को ठगने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विक्रम दहिया ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है और दो अन्य फरार आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

दहिया ने बताया, ''यह गिरोह पूरनपुर और माधोटांडा इलाकों के युवाओं को निशाना बनाता था और विदेश यात्रा कराने का झांसा देकर उनसे बड़ी रकम ऐंठता था। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों से सात मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, एक कार, 60 से अधिक फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और नकदी बरामद की है।''

माधोटांडा थाने में वीरखेड़ा गांव के निवासी गुरप्रीत सिंह ने चार आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गुरप्रीत के मुताबिक जालसाजों ने उसके छोटे भाई पवनदीप सिंह को विदेश भेजने के लिये 20 लाख रुपये की मांग की थी। कुछ दिन बाद उसने पेशगी के तौर पर पांच लाख रुपये के अलावा संबंधित दस्तावेज उन जालसाजों को दे दिये थे।

गुरप्रीत के मुताबिक जालसाजों ने पवनदीप की स्नातक का फर्जी अंकपत्र भी मुहैया कराया जबकि वह सिर्फ नौवीं पास था। मामला ठीक नहीं लगने पर गुरप्रीत ने पवनदीप को विदेश भेजने का इरादा छोड़ दिया तो जालसाज 14 फरवरी को उसके घर पहुंचे और तमंचे से आतंकित करके धमकाया और आठ लाख रुपये और ऐंठ लिए।

गुरप्रीत ने शिकायत में आरोप लगाया कि जालसाजों के खिलाफ पूरनपुर में भी अलग से शिकायत दर्ज कराई गई है।

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उनके नेतृत्व में पुलिस टीमों ने जांच की और बड़े पैमाने पर चल रहे इस गोरखधंधे का पर्दाफाश करते हुए पूरनपुर और माधोटांडा थाने से जुड़े अलग-अलग स्थानों से सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उन्हें अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया।

दहिया ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कुबूल किया कि वे पिछले पांच वर्षों से इस गिरोह में शामिल हैं और वीजा मंजूरी को आसान बनाने के लिए छात्रों को फर्जी अंकपत्र और अन्य जाली दस्तावेज देकर ठगते हैं। वे मुख्य रूप से हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि वाले या सीमित शिक्षा वाले छात्रों को निशाना बनाते थे।

उन्होंने कहा कि पकड़े गये जालसाजों के पास से जब्त शैक्षिक प्रमाण पत्रों की संबंधित स्कूलों और कॉलेजों से जांच की गई है। उनमें से कई प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 18 February 2025 at 13:34 IST