अपडेटेड 17 March 2025 at 17:01 IST
संभल से एक और बड़ी खबर, आक्रांता सालार मसूद गाजी के नाम पर नहीं होगा नेजा मेला- प्रशासन की दो टूक
Sambhal: संभल में मुस्लिम पक्ष से कुछ लोगों ने जिले के एएसपी श्रीशचंद्र से मुलाकात की और मेले के लिए इजाजत मांगी। हालांकि पुलिस प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया।
Sambhal Neja Mela: उत्तर प्रदेश के संभल को लेकर एक और नया विवाद शुरू हो चुका है। प्रशासन ने इस बार विशेष समुदाय के लोगों को नेजा मेला लगाने से मना कर दिया है। सैयद सालार मसूद गाजी की निशानी के तौर पर संभल में नेजा मेला लगता आया है, जिसके लिए प्रशासन ने इस बार अनुमति नहीं दी है।
संभल में मुस्लिम पक्ष से कुछ लोगों ने जिले के एएसपी श्रीशचंद्र से मुलाकात की और मेले के लिए इजाजत मांगी। वीडियो में एएसपी और मुस्लिम पक्ष के बीच मेले को लेकर बहस देखी गई। इतिहास का हवाला देते हुए एएसपी को कहते सुना गया कि 'सालार मसूद गाजी एक लुटेरा था। उसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था। उसने पूरे देश में कत्लेआम किया। किसी लुटेरे की याद में यहां कोई मेले का आयोजन नहीं होगा।' एएसपी ने सख्त लहजे में कहा कि अगर किसी ने नेजा मेला लगाने की कोशिश की तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
संभल के एएसपी ने स्पष्ट शब्दों में दिया जवाब
मुस्लिम पक्ष जब एएसपी से बहस करता रहा तो अधिकारी ने भी दो टूक शब्दों में मेला लगाने से इनकार कर दिया। एएसपी श्रीशचंद्र ने कहा कि देश के खिलाफ अपराध करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। कोई नेजा नहीं होगा। नेजा नहीं गड़ेगा तो नहीं गड़ेगा। याद रखिए कि लुटेरे की याद में नेजा नहीं गड़ेगा।
कौन था सैयद सालार मसूद गाजी और संभल में विवाद क्या है?
सैयद सालार मसूद गाजी को महमूद गजनवी का भांजा बताया जाता है। सैयद सालार मसूद गाजी को लेकर कहा जाता है कि वो एक क्रूर शासन था। उसने कई बार भारत पर आक्रमण किए थे और देश के खजाने को लूटा था। इतना ही नहीं, सैयद सालार मसूद गाजी को लेकर ये भी बोला जाता है कि उसने हिंदुओं पर काफी अत्याचार किए थे और भारत में जबरन धर्म परिवर्तन करवाए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर सवाल खड़े किए थे। गाजी की बहराइच में कब्र भी बनी हुई है। फिलहाल संभल प्रशासन ने कहा कि ऐसी कोई परंपरा नहीं है और इस तरह के मेले का कोई आयोजन नहीं होगा।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 17 March 2025 at 17:01 IST