अपडेटेड 20 April 2025 at 21:46 IST

एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बताया कैसे मिटेगा जातिवाद

Aligarh : RSS प्रमुख मोहन भागवत 5 दिवसीय अलीगढ़ दौरे पर हैं। जहां उन्होंने समाज में फैले जातिगत भेदभाव को खत्म करने पर जोर दिया।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत | Image: ANI

Mohan Bhagwat On Casteism : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत 14 साल बाद 5 दिवसीय अलीगढ़ दौरे पर हैं। मोहन भागवत हर मंच से हिंदू एकजुटता का संदेश देते हैं। अलीगढ़ में भी संघ प्रमुख ने हिंदू समाज से जातिगत मतभेदों को खत्म करने पर जोर दिया। उन्होंने जातिवाद मिटाने के लिए 'एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान' की नीति अपनाकर सभी वर्गों में समानता लाने का आह्वान किया।

मोहन भागवत की अलीगढ़ यात्रा संघ के शताब्दी समारोह के तहत संघ के कार्यक्रम का हिस्सा है, जो इस साल विजयादशमी के मौके पर शुरू होगा। भागवत के इस 5 दिवसीय दौरे को विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक घटना के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि यह संघ की 100वीं वर्षगांठ से पहले आधार को मजबूत करने की रणनीति के अनुरूप है। मोहन भागवत ने 2 प्रमुख शाखाओं-एचबी इंटर कॉलेज और पंचन नगरी पार्क में स्वयंसेवकों को संबोधित किया। जहां उन्होंने धर्म और संस्कृति का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि हमें सभी वर्गों को समान सम्मान देना होगा।

एक समानता का मंत्र

मोहन भागवत ने समाज में परिवर्तन के लिए शाखा टोली को पंच परिवर्तन का मूलमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि सभी स्वयंसेवकों को पंच परिवर्तन पर विशेष ध्यान देना है। घर-घर जाकर समाज को जागृत करना होगा। इसमें समाज की बड़ी भूमिका होगी। पूरे विश्व की निगाहें भारत की ओर हैं, क्योंकि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो दुनिया में शांति और सुख समृद्धि लाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार रहें। एक समानता के लिए समाज में सभी वर्गों के लिए एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान हो।

'सबसे बड़ी पूंजी हमारे संस्कार'

संघ प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक परिवर्तन में स्वयंसेवकों की बड़ी भूमिका है, स्वयंसेवक राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत होते हैं। सरसंघचालक ने शाखाओं में शाखा टोली को पंच परिवर्तन और शताब्दी वर्ष पर जोर देने को कहा। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील करते हुए कहा कि समाज में समरसता का भाव लाएं। स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग के घर जाएं, बातचीत करें और अपने घर आने का न्योता दें। उन्होंने कहा कि हमें परिवार और अपने संस्कारों को आगे बढ़ाना है, क्योंकि भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारे संस्कार है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 20 April 2025 at 21:46 IST