अपडेटेड 15 January 2024 at 23:36 IST

किस नक्षत्र में जन्मे थे भगवान राम? उच्च राशि में थे सूर्य, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि

Ram Mandir : रामायण के अनुसार, जब राजा दशरथ के सबसे बड़े बेटे राम का जन्म हुआ तो पांच ग्रह- सूर्य, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि अपनी उच्च राशि में स्थित थे।

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किस नक्षत्र में जन्मे थे भगवान राम | Image: Republic

Ayodhya Ram Mandir : राम को लेकर सबकी अपनी-अपनी आस्था है। कोशल साम्राज्य के राजा राम के शासन में अयोध्या की प्रजा सुखी और संतोषमय जीवन जी रही थी। अयोध्या अपनी सम्पन्नता के लिए ही नहीं, अपनी सभ्यता के लिए भी संसार में जानी जाती थी। अयोध्या का एक-एक व्यक्ति लोकधर्म, कुलमर्यादा और सर्वहित का ध्यान रखता था। संयम और सदाचार में तो साधारण नागरिक भी ऋषि मुनियों की बराबरी करते थे।

खबर में आगे पढ़ें…

  • किस नक्षत्र में जन्मे थे भगवान राम?
  • राम जन्म के समय क्या थी ग्रहों की स्थिति?
  • किस यज्ञ से हुई राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति?

अयोध्या (Ayodhya) में गुणी और सदाचारी लोग ही समाज में दिखाई देते थे। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, कपटी, लोभी, क्रूर, स्वार्थी, निर्लज्ज, आलसी और नास्तिक लोगों के लिए अयोध्या में कोई स्थान नहीं था। अयोध्या में पवित्रता और शांति का वातावरण मिलता था। यह कहना गलत नहीं होगा कि अयोध्या के बराबर की कोई दूसरी नगरी नहीं थी। कोशल नरेश दशरथ के जीवन में पूर्ण ऐश्वर्य था, लेकिन संतान सुख नहीं था। इस वजह से राजा को अपना जीवन फीका लगता था। राजा की तीन रानियां थीं, लेकिन एक से भी पुत्र नहीं था।

भगवान राम का जन्म

पुत्र प्राप्ति का मोह राजा दशरथ को खाए जाता था। एक दिन उन्होंने अपनी समस्या को लेकर अपने मंत्रियों और धर्मगुरुओं के साथ परामर्श किया। सबने राजा दशरथ को पुत्रेष्टि यज्ञ कराने की सलाह दी, जिसे राजा ने स्वीकार कर लिया। इसके लिए राज्य सचिव सुमंत ने ऋषि श्रृंग को यज्ञ का आचार्य बनाने का प्रस्ताव दिया। राजा ने इसे स्वीकार कर लिया।

ऋषि श्रृंग ने अथर्ववेद के अनुसार पुत्रेष्टि यज्ञ किया। यज्ञ के बाद ऋषि ने राजा दशरथ को खीर दी और उन्हें अपनी पत्नियों को खिलाने के लिए कहा। राजा ने सबसे पहले खीर का आधा हिस्सा रानी कौशल्या को दिया। बची हुई खीर का आधा भाग रानी सुमित्रा को दिया और बचे हुए हिस्से में से दो भाग करके एक सबसे छोटी रानी कैकेयी को और दूसरा फिर सुमित्रा को दिया। इस प्रसाद के प्रभाव से तीनों रानियों ने 4 राजकुमारों राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।

किस नक्षत्र में जन्मे भगवान राम?

रामायण के अनुसार, चंद्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न को माता कौशल्या की कोख से दिव्यलक्षण सम्पन्न भगवान श्री राम ने जन्म लिया। हिंदू मान्यता है कि श्रीराम के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति बहुत शुभ थी। राम जन्म के दिन पांच ग्रह- सूर्य, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि अपनी उच्च राशि में स्थित थे।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 15 January 2024 at 18:30 IST