अपडेटेड 18 January 2024 at 08:38 IST
क्या प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी हो सकता है Ram Mandir निर्माण? एक नहीं कई उदाहरण के साथ समझें
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कई लोग आपत्ति जता रहे हैं। अब श्री श्री रविशंकर ने कई उदाहरण के साथ प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर निर्माण को समझाया है।
Ram Mandir Pran Pratishta : अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और कई नेताओं ने आपत्ति जताई है। अब इस मामले पर आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने का बयान सामने आया है। उन्होंने ऐसे कई उदाहरण दिए जिनमें मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर का निर्माण पूरा हुआ है।
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- प्राण प्रतिष्ठा पर श्री श्री रविशंकर का बयान
- रामेश्वरम समेत कई मंदिरो का दिया उदाहरण
- '500 साल का इंतजार हो रहा पूरा'
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि शंकराचार्य एक अलग मत का अनुसरण करते हैं, लेकिन कई अन्य प्रावधान भी हैं जो प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी मंदिर निर्माण की अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा, 'कई ऐसे प्रावधान है जिनके तहत आप प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी मंदिर का निर्माण जारी रख सकते हैं। तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान राम ने स्वयं एक शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की थी। उस समय वहां कोई मंदिर नहीं था। उनके पास मंदिर बनाने का समय नहीं था। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा की और बाद में मंदिर का निर्माण कराया गया।
मदुरै मंदिर और तिरूपति बालाजी
एक दूसरा उदाहरण देते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि यहां तक कि मदुरै मंदिर और तिरूपति बालाजी मंदिर भी शुरुआत में छोटे थे, जिन्हें बाद में राजाओं ने बनवाया। अयोध्या में मंदिर की आवश्यकता को उचित ठहराते हुए आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि इससे उस गलती को सुधारा जा रहा जो पांच सौ वर्ष पहले हुई थी।
500 साल का इंतजार
आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा कि, 'यह एक सपने का साकार होना है। लोग पांच सदियों से इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह 500 साल पहले हुई गलती को सुधारने के लिए है । इसलिए पूरे देश में उत्सव और उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श समाज को हमेशा राम राज के रूप में वर्णित किया जाता है, जहां हर कोई समान है, सभी के लिए न्याय है, हर कोई खुश और समृद्ध है।
प्राण प्रतिष्ठा से पहले कलश पूजन
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले किये जा रहे अनुष्ठानों के तहत दूसरे दिन बुधवार को सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया। अनुष्ठानों का सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ है। इन अनुष्ठानों का सिलसिला 21 जनवरी तक जारी रहेगा। बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने सरयू नदी तट पर कलश पूजन किया। इसके बाद सरयू नदी के जल से भरे बर्तन राम मंदिर परिसर पर ले जाएंगे जहां समारोह से पहले के अनुष्ठान किये जा रहे हैं।
121 आचार्य कर रहे अनुष्ठानों का संचालन
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोग विशेष अनुष्ठान में शामिल होंगे। 11 पुजारी सभी देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं। अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे हैं और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्रवाई की देखरेख, समन्वय एवं निर्देशन कर रहे हैं। प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंत में पीएम मोदी का भाषण देने का कार्यक्रम है, जिसमें 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। इनमें से कुछ ही लोगों को मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की अनुमति होगी।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 17 January 2024 at 21:02 IST