अपडेटेड 21 January 2024 at 15:34 IST
Pran Pratishtha के बाद रोज चढ़ाए गए 9 मीट्रिक टन फूलों का क्या होगा? योगी सरकार का है ये प्लान
Ayodhya नगर निगम ने योगी सरकार की मंशा अनुरूप एक अभूतपूर्व फैसला लिया है। रामलला को टन पर फूल चढ़ेंगे उनका सदुपयोग होगा, पर कैसे? राम
Rammandir Flower: श्री राम जन्मभूमि में जिन फूलों का उपयोग हो रहा है वो जाया नहीं जाएंगे। रोजगार और घरों को महकाने का काम करेंगे। फूलों को रिसाइकिल किया जाएगा।
मंदिरों के साथ ही अयोध्या धाम को स्वच्छ बनाए रखने की योगी सरकार की मंशा के अनुरूप पूरा खाका खींचा जा चुका है एमओयू भी साइन हुआ है। सोच स्पष्ट है कि श्री भगवान को अर्पित फूलों से कई घर महकेंगे। ये फूल कई घरों की रोजी रोटी का कारण बनेंगे। उम्मीद है कि प्रतिदिन करीब 9 मीट्रिक टन फूल वेस्ट रिसाइकिल किया जाएगा।
ताकि मंदिर परिसर गंदे न हों...
अयोध्या नगर निगम की ये अनूठी पहल है। जिसके तहत अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में चढ़े फूलों को प्रॉसेस करके धूपबत्ती बनाई जा रही है। अब योजना है कि प्राण प्रतिष्ठा में अच्छी खासी तादाद में चढ़ने वाले फूलों को भी नगर निगम इसी तरह प्रॉसेस करेगा। फूलों से धूपबत्ती बनेंगी ताकि मंदिर ही नहीं अयोध्या के गली मोहल्लों को भी साफ सुथरा रखा जाए।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद बढ़ेगा रोजगार
प्राण प्रतिष्ठा से पहले अभी वर्तमान में अयोध्या धाम से प्रतिदिन 2.3 मीट्रिक टन अपशिष्ट फूलों को रिसाइकल किया जा रहा है। इसका प्लांट 8000 वर्ग/फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। 20 महिलाएं इस कार्य में लगी हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्लानिंग की गई है।
उ प्रति दिन 9 मीट्रिक टन Flower Waste को रिसाइकल करना सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि इसके माध्यम से 275 महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। यही नहीं, आगंतुकों के लिए अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया देखने, विधि सीखने और घर पर हस्तनिर्मित अगरबत्ती ले जाने का अनुभव केंद्र जैसी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि के साथ अधिक संख्या में फूलों के पुनर्चक्रण के लिए बड़े संयंत्र की स्थापना भी होगी।
भगवान राम का आशीर्वाद
ADA (अयोध्या विकास प्राधिकरण ) के अनुसार प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में हर साल असंख्य तीर्थयात्री आते हैं, जिससे टनों फ्लावर वेस्ट उत्पन्न होता है। इस पुष्प अपशिष्ट को एकत्र करके इसे प्राकृतिक अगरबत्ती में बदल दिया जाता है। यह पहल, अयोध्या के मंदिर के फूलों को एक नया जीवन प्रदान करती है और पूरे भारत के भक्तों के लिए एक शुभ, सुगंधित अनुभव बनाती है, जो श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उत्सव में शामिल हो सकते हैं और अयोध्या जी और भगवान राम का आशीर्वाद घर ला सकते हैं, चाहे वे कहीं से भी हों।
उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी, क्योंकि 22 के बाद लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालुओं के अयोध्या धाम आने की संभावना है। ये श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में फूलों के माध्यम से अपने आराध्य के प्रति आस्था व्यक्त करेंगे। फूलों के कारण मंदिरों और धाम में कचरे की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए फूलों की प्रॉसेसिंग के साथ ही धूप बनाने के कार्य में तेजी लाई जाएगी।
एमओयू साइन, 'फूल' को जिम्मेदारी
21 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अयोध्या के मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों से बनी बांस रहित धूप को लॉन्च किया था। ये परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार, अयोध्या नगर निगम और नमामि गंगे कार्यक्रम के समर्थन और मार्गदर्शन की वजह से मुमकिन हुई। इसके लिए 'फूल' नाम के संगठन को जिम्मेदारी दी गई है जिसने फूलों के कचरे के संग्रह और Recycling के लिए अयोध्या नगर निगम के साथ एक MOU पर हस्ताक्षर किए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक सौम्य चंदन तेल की सुगंध से युक्त ये धूप पूरी दुनिया में राम जन्म भूमि का आशीर्वाद ले जा रही है। लाखों भारतीयों के दैनिक पूजा अनुष्ठानों के लिए तेजी से उपलब्धता के लिए फूल द्वारा क्यू-कॉम प्लेटफॉर्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्पाद लॉन्च किए गए हैं।
कहां- कहां से हो रहा संग्रह?
प्रभु श्री राम जन्मभूमि मंदिर से पुष्प संग्रह 22 जनवरी से होगा। हनुमान गढ़ी, बड़े- छोटे देवकाली मंदिर, कनक भवन, नागेश्वर नाथ मंदिर, श्री काले राम मंदिर, गोरे राम मंदिर, स्वामीनारायण मंदिर, कनक भवन मंदिर समेत 9 मंदिरों से फूल इकट्ठा किए जाएंगे।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 21 January 2024 at 14:50 IST