अपडेटेड 21 March 2025 at 12:29 IST
15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट,मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप... नोएडा में फर्जी CBI अधिकारी के नाम पर कॉल कर बुजुर्ग से 3.14 करोड़ की ठग
डिजिटल अरेस्ट का ताजा मामला नोएडा से है जहां साइबर अपराधियों ने एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया और 15 दिनों में 3.14 करोड़ रुपये ऐंठ लिए।
Digital Arrest Farud: डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकार और पुलिस लगातार जागरुकता अभियान चला रही है, इसके बावजूद ठगी के मामने थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला नोएडा से है जहां साइबर अपराधियों ने एक बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया और 15 दिनों में 3.14 करोड़ रुपये ऐंठ लिए।
दरअसल, नोएडा के एक 78 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक को साइबर अपराधियों ने 15 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर 3.14 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बना लिया। इस चौंकाने वाली घटना में ठगों ने खुद को TRAI, पुलिस, CBI और सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी बताकर बुजुर्ग को मानसिक दबाव में डाल दिया और उनसे सारी जमा पूंजी ठग ली।
बुजर्ग के पास एक कॉल आई और…
जानकारी के मुताबिक, नोएडा सेक्टर 75 में रहने वाले 78 वर्षीय बुजुर्ग के पास 25 फरवरी 2025 को एक कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को TRAI अधिकारी बताया। कॉलर ने एक पुराने मोबाइल नंबर की पुष्टि करनी चाही, जिसे बुजुर्ग भूल चुके थे। कुछ ही देर बाद बताया गया कि मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत दर्ज है।
जांच में सहयोग करने का बनाया दबाव
इसके बाद कोलाबा पुलिस स्टेशन के एक कथित अधिकारी विजय खन्ना और एक सीबीआई अधिकारी राहुल गुप्ता ने संपर्क किया। उन्होंने बुजुर्ग को बताया कि उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष ऑनलाइन पेश किया जाएगा। ठगों ने बुजुर्ग को भरोसा दिलाया कि यह मामला नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा है और उनके बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जाएगा। जब बुजुर्ग ने बताया कि वे 78 साल के हैं और उनकी पत्नी 71 साल की हैं, तब ठगों ने उन्हें ऑनलाइन जांच में सहयोग करने का दबाव बनाया। उन्होंने बुजुर्ग को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के चलते उन्हें किसी से बात नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि कहा गया कि अगर उन्होंने जानकारी साझा की, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बुजुर्ग ने सारी कमाई कर दी ट्रांसफर
बुजुर्ग इतना डर और सहम गए कि उन्होंने अपनी जीवनभर की सारी कमाई यानि 3.14 करोड़ रुपये सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट (SSA) में ट्रांसफर कर दी, यह सोचकर कि यह सिर्फ मौद्रिक सत्यापन है और पैसे वापस मिल जाएंगे। बुजुर्ग को 3 मार्च 2025 को एक फर्जी सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी भेजा गया, जिसमें कहा गया था कि उनके फंड वैध हैं और 6-7 दिनों में वापस कर दिए जाएंगे । लेकिन, जब पैसे वापस नहीं मिले, तब उन्हें एहसास हुआ कि वे साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
यह पूरी घटनाक्रम 26 फरवरी से 12 मार्च तक के बीच हुआ इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डिजिटल अरेस्ट कर के बुजुर्ग दंपति को रखा गया। 15 दिनों तक साइबर ठगो ने केवल खाने और दैनिक कार्यों की ही अनुमति दी। पीड़ित ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज करवाई है, अब मामले की जांच थाना सेक्टर 36 साइबर क्राइम पुलिस कर रही है।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 12:27 IST