अपडेटेड 20 January 2025 at 14:03 IST

Sambhal: 1978 दंगे में मुलायम ने मुकदमा वापस लेने के लिए लिखा लेटर वायरल, पीड़ितों का फूटा गुस्सा; CM योगी से लगाई गुहार

हिंदू समुदाय के लोगों ने 1978 के दंगों की जांच कराने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं 1978 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की योगी सरकार से मांग की है।

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1978 दंगे में मुलायम ने मुकदमा वापस लेने के लिए लिखा लेटर वायरल, पीड़ितों का फूटा गुस्सा | Image: Republic Bharat

Mulayam Singh Yadav Letter Viral on Social Media: साल 1978 में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए दंगों की कड़वी यादें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। 1978 में हुए संभल के दंगों में गड़े मुर्दे लगातार उखड़ रहे हैं। अब ताजा मामला 1993 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को लेकर है। मुलायम सिंह यादव का एक पत्र सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। यह पत्र साल 1978 के दंगे में दर्ज 16 मुकदमों में से 8 मुकदमे वापसी की जानकारी से जुड़ा है। यह पत्र शासन द्वारा 23 दिसंबर 1993 को डीएम मुरादाबाद के नाम लिखा हुआ सामने आया है वायरल पत्र सामने आने के बाद अब एक बार फिर से 1978 के दंगों की फाइल खुलती नजर आ रही है क्योंकि पिछले दिनों एमएलसी श्रीश चंद्र शर्मा ने भी 1978 के दंगों की जानकारी शासन से मांगी थी।

उत्तर प्रदेश के संभल में 1976 और 78 में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। समय के साथ-साथ इन दंगों की तस्वीरें धुंधली सी होती गई लेकिन बीते साल 14 दिसंबर को 1978 के दंगों की कड़वी यादें उस समय ताजा हुई जब संभल प्रशासन ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के इलाके मोहल्ला खग्गू सराय में साल 1978 से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवा दिया था। इस मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही 1978 के दंगों की धुंधली हुई तस्वीर फिर से साफ हो गई। 1978 के संभल दंगों के दौरान तमाम हिंदुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। तमाम हिंदुओं ने अपनी जान बचाकर अपना घर बार सब कुछ छोड़कर यहां से पलायन कर दिया था।  

 

                                          


मंदिर का कपाट खुलते ही पलायन किए हुए लोग भी दर्शन को पहुंचे

जब इस मंदिर का कपाट खुला तो वह लोग भी मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे थे जो 1978 के दंगों के बाद शहर छोड़कर सुरक्षित जगह पहुंच गए थे। हालांकि अब हिंदू समुदाय के लोगों ने 1978 के दंगों की जांच कराने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं 1978 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की योगी सरकार से मांग की है। बीते दिनों एमएलसी श्री चंद शर्मा ने भी संभल में 1978 के दंगों की जांच संबंधी जानकारी मांगी थी जिसके लिए संभल के ASP श्रीश चंद्र को नामित किया गया था।  इस बीच 1978 के दंगों को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है यह पत्र 23 दिसंबर 1993 का वायरल हुआ है जो विशेष सचिव न्याय विभाग ने मुरादाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी को लिखा था इस पत्र में कुल दर्ज 16 मुकदमों में से 8 मुकदमे वापसी की जानकारी से संबंधित लिखा हुआ है।


क्या कहते हैं 1978 के दंगा पीड़ित?

हालांकि इस चिट्ठी के वायरल होने के बाद यही कहा जा रहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के समय में यह मुकदमे वापस कराए गए थे गौरतलब हो कि उस समय संभल मुरादाबाद जिले में ही आता था। वर्ष 1978 के दंगा पीड़ित विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि 1978 के दंगों का मामला 1995 तक चला, लेकिन उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला वह खुद दंगा पीड़ित हैं। अगर योगी सरकार इसकी फाइल को खोलती है तो निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जो दोषी है उन्हें सजा मिलनी चाहिए और जो पीड़ित हैं उन्हें न्याय मिलना चाहिए। कई दंगा पीड़ित ऐसे हैं जिन्हें मुआवजा नहीं मिला लेकिन जिन्हें मिला तो वह सिर्फ नाम मात्र का मिला था। उन्होंने कहा कि उस समय वह बोलने की स्थिति में नहीं थे इसलिए सब्र करके बैठ गए विष्णु शरण रस्तोगी ने कहा कि अगर प्रशासन सही से इस मामले की जांच करें तो हकीकत सामने आ सकती है क्योंकि दंगा पीड़ित और दोषी अभी भी जीवित हैं।


मंजर सफी नाम के शख्स ने जुलूस निकालकर बाजार बंद करवाने की अपील की थी

दंगा पीड़ितों के बयान के आधार पर प्रशासन पूरे मामले की सच्चाई सामने ला सकता है उन्होंने बताया कि 1978 के दंगे में उनकी दुकान को जलाने का प्रयास किया था लेकिन दुकान पूरी नहीं जल पाई थी उन्हें सिर्फ ₹200 का ही मुआवजा मिला था उन्होंने कहा कि अब पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो ताकि पीड़ितों को न्याय मिले और दोषियों को सजा मिले। वहीं 1978 संभल दंगों के एक और पीड़ित विष्णु कुमार ने बताया कि वर्ष 1978 में मंजर सफी नाम के नेता जुलूस निकाल रहे थे उन्होंने बाजार बंद कराने का प्रयास किया था। उसके बाद भगदड़ मच गई और दंगा शुरू हो गया। उन्होंने तत्कालीन मुलायम सरकार का पत्र वायरल होने पर कहा कि यह गलत हुआ था और मुकदमे वापस नहीं लेने चाहिए थे। उन्होंने बताया कि इस पूरे दंगे में 184 लोगों की मौत हुई थी।


संभल दंगा पीड़ितों को न्याय की उम्मीद

हालांकि अब यह पत्र वायरल होने के बाद हिंदुओं ने योगी सरकार से मांग की है कि 1978 के दंगों की फाइल को दोबारा खोला जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए यही नहीं सरकार से यह भी मांग की गई है कि अगर सरकार अभी भी इस मामले में जांच नहीं करती है, तो संभल का हिंदू भविष्य में दूसरे वर्ग के दबाव में आकर पलायन कर सकता है। इसलिए सरकार इस मामले में अविलंब कार्रवाई करें। अब जिस तरह से तत्कालीन मुलायम सरकार का पत्र वायरल हुआ है और तमाम दंगा पीड़ितों ने सरकार से उम्मीद जताई है कि उन्हें न्याय मिलेगा तो आने वाले समय में देखना होगा कि सरकार पूरे मामले में क्या एक्शन लेती है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 20 January 2025 at 14:03 IST