अपडेटेड 20 January 2025 at 20:58 IST
'युवाओं को धर्म की तरफ मोड़ने आई हूं, कुछ शब्दों से मुझे तकलीफ हुई...', 'सबसे सुंदर साध्वी' महाकुंभ में वापसी पर हुईं भावुक
Mahakumbh: हर्षा रिछारिया महाकुंभ में वापसी को लेकर चर्चाओं में हैं। हर्षा की महाकुंभ में वापसी हुई है। हर्षा रिछारिया स्वामी कैलाशानंदगिरी की शिष्या हैं।
Harsha Richhariya: हर्षा रिछारिया नाम तो सुना ही होगा आपने। देखा भी होगा मोबाइल से लेकर हर न्यूज चैनल हर प्लेटफॉर्म पर यही चेहरा दिखाई दे रहा है। भगवा कपड़े पहने माथे पर बड़ा सा टीका लगाए। जो महाकुंभ की शुरुआत से सुर्खियों में आई और फिर इनके महाकुंभ से वापस जाने की भी खबरे आईं। लेकिन इस बार हर्षा महाकुंभ में वापसी को लेकर चर्चाओं में हैं। एक बार फिर हर्षा रिछारिया की महाकुंभ में वापसी हुई है।
महाकुंभ में वापसी पर हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैं अपने घर में ही आई हूं, मैं अपने महाराज जी के पास ही आई हूं, जिनका आशीर्वाद और साथ मेरे साथ बना हुआ है, जिनका हाथ मेरे सर पर है। अगर वह मेरे साथ हैं तो मुझे और क्या हो सकता है, एक पिता का साथ अगर बेटी को मिल गया तो उसको और किसकी जरूरत है। जैसा कि मैं पहले भी बोला था मैं यहां पर धर्म को जानने के लिए आई हूं, मैं धर्म से जुड़ने के लिए आई हूं, समाज में जागरूकता फैलाने के लिए आई हूं और युवाओं का रुख धर्म की तरफ करने के लिए आई हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि जब महाराज जी का आशीर्वाद मेरे सर पर है तो मैं धर्म की तरफ लोगों को ला पाऊंगी।
'कुछ शब्दों से मुझे तकलीफ हुई थी लेकिन अब....'- हर्षा रिछारिया
कुंभ छोड़कर जाने के सवाल पर हर्षा रिछारिया ने कहा की कुछ शब्दों से मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ हुई। मैं उतनी उम्मीद नहीं कर रही थी कि ऐसा कुछ मैं सुनूंगी वह भी प्रयागराज जाकर लेकिन जब मैंने सुना तो उससे मुझे तकलीफ हुई लेकिन कहीं ना कहीं महाराज जी ने मुझे हौसला दिया है, उन्होंने मेरा साथ दिया और उसके साथ-साथ देश के तमाम युवाओं ने तमाम लोगों ने मैसेज और कॉल्स और ईमेल्स करके कि अगर आप चली गई तो हम भी धर्म के लिए मुड़ना नहीं चाहेंगे। हम जहां हैं वहीं रहना पसंद करेंगे। अगर इतनी चुनौतियां होती है इस रास्ते में तो हम धर्म से दूर ही ठीक हैं। तो कहीं ना कहीं यह चुनौतियां फेस करते हुए मैं आगे बढूंगी और देश के तमाम युवाओं को जो मेरी तरह भटके हुए हैं धर्म की तरफ जरूर लेकर आऊंगी।
महाकुंभ में रहूंगी यह मेरी कोशिश रहेगी- हर्षा रिछारिया
अपने छलकते आंसुओं पर हर्षा रिछारिया ने कहा कि मेरे आंसू खुशी और दुख दोनों बयान करते हैं। महाराज जी का साथ मिलने के बाद अब खुशी ज्यादा बयान करते हैं। हमारे वेद, शास्त्र और पुराणों में नारी को हमेशा दुर्गा शक्ति के रूप में पूजा गया है। महाराज जी मेरे पिता तुल्य हैं, मैं उनकी बेटी हूं, उनका हाथ मेरे सर पर है अब मुझे नहीं लगता कि मुझे कोई भी झुक सकता है, तोड़ सकता है। अब मैं पूरे महाकुंभ में रहूंगी यह मेरी कोशिश रहेगी बाकी ईश्वर की मर्जी।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 20 January 2025 at 20:42 IST