अपडेटेड 22 March 2025 at 16:48 IST
Meerut Murder Case: 'सौरभ से मुस्कान लेना चाहती थी तलाक, बेटी से नहीं था प्यार, दौलत पर नजर ', जिगरी दोस्त का बड़ा खुलासा
अक्षय ने बताया चूंकि मुस्कान बहुत खूबसूरत थी इसी वजह से सौरभ उसे बहुत पसंद करता था और उसे बहुत प्यार करता था, वहीं मुस्कान डे वन से ही सौरभ के पैसों के पीछे थी।
Big Reviel in Saurabh Murder Case: मेरठ के सौरभ हत्याकांड में एक के बाद एक करके लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। इसी क्रम में आज सौरभ राजपूत के जिगरी दोस्त ने मुस्कान, सौरभ और उसकी बेटी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सौरभ के बचपन के दोस्त अक्षय अग्रवाल ने रिपब्लिक भारत से बातचीत करते हुए बताया कि सौरभ मुस्कान को कितना प्यार करता था और मुस्कान कैसे सौरभ से पैसों के लिए उसके साथ आई थी। इस बातचीत में अक्षय ने ये भी बताया कि मुस्कान को सौरभ ही नहीं अपनी बेटी से भी बिलकुल प्यार नहीं था। मुस्कान ने तो सौरभ के पैसों पर ऐश करने के लिए सौरभ से शादी की थी। क्योंकि मुस्कान ऐसे फैमिली बैकग्राउंड से नहीं थी जहां उसकी ख्वाहिशें सौरभ की तरह कोई पूरी करता।
मेरठ हत्याकांड में सौरभ राजपूत के हत्या के बारे में सौरभ के बचपन के दोस्त अक्षय अग्रवाल ने बताया,'जिस दिन मुझे सौरभ के बारे में पता चला मैं ड्राइव कर रहा था और मैं एकदम से घबरा गया था क्योंकि मुझे पता चला था कि हत्या के बाद सौरभ की डेडबॉडी के 15 टुकड़े कर दिए गए थे। ये तो हैवानियत से भी बड़ी हैवानियत थी। सौरभ की मुस्कान से मुलाकात बहुत पुरानी नही थी। वो साल 2015 में मुस्कान से मिला था और एक साल के बाद 2016 में उसकी मुस्कान से शादी भी हो गई थी। चूंकि मुस्कान बहुत खूबसूरत थी इसी वजह से सौरभ उसे बहुत पसंद करता था और उसे बहुत प्यार करता था, वहीं मुस्कान डे वन से ही सौरभ के पैसों के पीछे थी क्योंकि सौरभ अपने घर से फाइनेंसिली बहुत अच्छा था। हम शुरू से ही देखते हैं कि वो बढ़िया बाइक, बढ़िया पैसे खर्च करने वाला पार्टी का शौकीन बंदा था।'
मुस्कान ने पहले दिन से शुरू किया था तांडव
अक्षय ने आगे बताया, 'मुस्कान सौरभ के परिवार वालों के साथ एक दिन भी एडजस्ट नहीं कर पाई। सौरभ के घर आते ही पहले दिन से ही मुस्कान ने परिवार के लोगों से लड़ाई झगड़े शुरू कर दिए। सौरभ की मां और उसके बड़े भाई बबलू से बिना मतलब की बदतमीजी करना जबकि बबलू बहुत ही शांत नेचर का शख्स है वो गली में भी किसी से फालतू बात नहीं करता था ऐसे शख्स से भी मुस्कान का पहले दिन से विवाद होने लगा था। परिवार वालों की नाक में इतना दम कर दिया कि सौरभ को परिवार से अलग शिफ्ट होना पड़ा।
सौरभ और उसके घर वालों की छवि बिगाड़ना चाहती थी मुस्कान
सौरभ के दोस्त ने आगे बताया, 'हमारा घर भी सौरभ के घर के ठीक सामने था। मुस्कान ने पहले ही दिन से सौरभ और उसके परिवार की छवि कुछ ऐसी बनाने की कोशिश की कि जैसे उसे सौरभ और उसके घर वाले मारते-पीटते हैं उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। वो अचानक ही बिना किसी बात के जोर-जोर से चिल्लाने लगती और अपने ही हाथों से अपने बाल नोंचने लगती थी ताकि लोगों को लगे कि सौरभ और उसके घरवाले उसे मारते-पीटते हैं। इन सब के बावजूद वो सौरभ और उसके घर वालों की छवि मोहल्ले में धूमिल करने में नाकामयाब रही क्योंकि सौरभ और उसका परिवार लंबे समय से इसी मोहल्ले में रहता है और मोहल्ले में रहने वाले सभी लोग सौरभ और उसके परिवार के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। जब सौरभ एक बेटी का पिता बन गया तो वो बहुत खुश था। उसे इस बात की बहुत खुशी थी कि वो पिता बन गया है और वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था।
मुस्कान को बेटी से भी नहीं था प्यार, सौरभ के पैसों पर ऐश करती थी
जब सौरभ के घरवालों ने उसे घर से बेदखल कर दिया था तब ऐसा समय भी आया था कि कभी - कभी सौरभ की जेब में एक भी पैसा नहीं होता था तो वो हमसे कहता था कि यार बेटी की तबीयत खराब उसके लिए कुछ दवाइयां लानी है तो ऐसे समय में हम सौरभ की मदद भी किया करते थे। हां मुस्कान ने कभी अपनी बेटी के प्रति कोई रुचि या बहुत प्यार करने जैसी कोई बात कभी नहीं दिखाई थी। मुस्कान तो अपनी मौज-मस्ती में अपने रहन-सहन में मस्त रहती थी। बढ़िया कपड़े पहनना अच्छे मेकअप में रहना, बढ़िया फोन रखना। मुस्कान के ये सब शौक सौरभ के साथ रहने के बाद शुरू हुई क्योंकि अपने घर से मुस्कान ये सब चीजें अफोर्ड नहीं कर सकती थी क्योंकि मुस्कान के परिवार की इतनी हैसियत नहीं थी।
सौरभ की मौत पर अब तक समाज ने एक कैंडिल मार्च तक नहीं निकाला
इस मामले में मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि भारतीय समाज में ये बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अगर कोई पुरुष ऐसी हरकत करता तो अब तक उसे फांसी की सजा हो चुकी होती या उसके घर वालों को जनता मारने-पीटने पर उतारू हो जाती और उनका जीना हराम कर देती जबकि उनके मां-बाप की कोई गलती नहीं होती तब भी उसके रिश्तेदारों को परेशान करना शुरू कर देती। चूंकि यहां पर आरोपी एक महिला तो मामला कुछ और ही है। सौरभ के लिए अब तक न तो कोई कैंडल मार्च हुआ न तो मुस्कान के घर वालों पर कोई एक्शन हुआ। उन्हें इस बात का कोई दुख नहीं है कि किसी के घर का बेटा चला गया। मुस्कान को तो फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए या फिर कोई ऐसी सजा मिले कि जिससे सौरभ की आत्मा को भी शांति पहुंचे।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 22 March 2025 at 16:48 IST