अपडेटेड 29 December 2025 at 10:49 IST
डांस और आतिशबाजी के बाद नए साल का जश्न भी नाजायज? मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों के लिए जश्न मनाने को बताया शरिया के खिलाफ
नए साल के जश्न पर, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि इस्लामिक शरिया के नियम के अनुसार, इसे फिजूलखर्ची और बेकार माना जाता है।
नए साल की जश्न की तैयारियां हर तरफ जोरों पर है। 2 दिन बाद साल 2025 खत्म हो जाएगा। आने साल 2026 के स्वागत के लिए लोग अभी से तैयार हैं। एक तरफ नए साल के जश्न मनाने की प्लानिंग की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिम समुदाय से नया साल न मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों के लिए ऐसे जश्न में शामिल होना शरिया के खिलाफ है।
नए साल के जश्न पर, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा, 31 दिसंबर की रात को लोग आम तौर पर शोर-शराबे, मौज-मस्ती, नाच-गाने और हर तरह के गलत व्यवहार के साथ जश्न मनाते हैं। इस्लामिक शरिया के नियम के अनुसार, इसे फिजूलखर्ची और बेकार माना जाता है, और ऐसी गतिविधियां शरिया में मना हैं। इस तरह से नया साल मनाना गलत है।
रजवी ने हिंदुओं से भी की ये अपील
रजवी ने हिंदुओं से भी नए साल नहीं मनाने की अपील की। उन्होंने कहा, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, नया साल जनवरी में शुरू नहीं होता है। यह मुहर्रम के महीने से शुरू होता है। इसी तरह, हिंदू संस्कृति में भी नया साल चैत्र महीने से शुरू होता है। ऐसे में हिंदू-मुसलमान किसी को भी नया साल नहीं मनाना चाहिए।
इस्लाम में नाचना गाना हराम है-मौलाना रजवी
नए साल पर होने वाली पार्टी को लेकर मौलाना रजवी ने कहा, किसी भी हालत में किसी को पार्टी नहीं करनी चाहिए और अगर कोई लड़का या लड़की जश्न मनाने के लिए पार्टी करता है और नाच-गाने और फिजूलखर्ची करता है, तो धार्मिक विद्वान ऐसे जश्न पर सख्ती से रोक लगाएंगे। मौलाना ने कहा कि इस्लाम में नाचना गाना पूरी तरह से हराम है। शरियत में ये काम मुजरिमों वाला है। ऐसे में मुसलमानों को चाहिए कि शरीयत के खिलाफ कोई भी काम न करें और गुनहगार न बनें।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 29 December 2025 at 10:49 IST