अपडेटेड 29 July 2024 at 21:39 IST
UP News: यूपी में 'लव जिहाद' पर अब ताउम्र होगी जेल, योगी सरकार ने विधानसभा में पेश किया विधेयक
उत्तर प्रदेश में अब लव जिहाद पर जेल की सजा उम्रभर झेलनी पड़ सकती है। इस संबंध में योगी सरकार ने एक विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है।
Uttar Pradesh News: लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले ही सख्त है। ऐसे अपराधों के लिए अब और कड़ी सजा दिए जाने की तैयारी है। इसके लिए योगी सरकार ने सोमवार (29 जुलाई) को यूपी विधानसभा में विधेयक पेश किया है। इसमें लव जिहाद जैसे अपराध के लिए आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है।
यूपी की योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया। इसमें अपराध का दायरा और सजा दोनों ही बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक में पहले से परिभाषित अपराधों में सजा को दोगुना करने और नए अपराधों में ताउम्र जेल की सजा का प्रावधान है।
सजा बढ़ाने की तैयारी में सरकार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लव जिहाद जैसे अपराधों को लेकर सख्ती बरतते आ रहे हैं। साल 2021 में इससे जुड़ा बिल विधानमंडल से पास कराया गया था। इसके बाद इसने कानून का रूप लिया। इसके अंतर्गत अपराध पर 10 साल की सजा का और 50 हजार तक जुर्माना का प्रावधान है। अब योगी सरकार की तैयारी सजा और जुर्माने दोनों को बढ़ाने की है।
विधेयक में क्या प्रावधान?
इसके अलावा विधानसभा में पेश किए गए विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी कानून के तहत अपराध के दायरे में लाया गया है। इसमें विदेशी संस्थाओं या फिर अवैध संस्था से फंडिंग भी शामिल है। धर्म परिवर्तन की नीयत से कोई अगर किसी शख्स के जीवन या फिर संपत्ति के डर में डालता है, उस पर हमला करता है, बल का इस्तेमाल करता है या फिर शादी का वादा करता है या इसके लिए कोई साजिश रचता है.. तो इसके लिए आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। साथ ही जुर्माना भी लगेगा।
इसके अलावा कानून में घटनाओं की सूचना देने पड़ भी दायरा बढ़ने का प्रस्ताव किया गया है। पहले पीड़ित शख्स, माता-पिता, भाई-बहन या फिर कोई दूसरा रक्त संबंध जिससे विवाह या फिर दत्तक संबंध हो वही अपराध की सूचना दे सकता था। विधेयक के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति लिखित तौर पर पुलिस को सूचना दे सकेगा।
योगी सरकार ने ये विधायक लाने की पीछे की वजह भी बताई। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा और सामाजिक स्थिति, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए सजा और जुर्माना को कड़ा करने की जरूरत है। इस वजह से यह विधेयक लाया जा रहा है।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 29 July 2024 at 20:26 IST