अपडेटेड 13 August 2025 at 15:08 IST

कुशीनगर पुलिस का कमाल! 4 साल पहले सड़क हादसे में मरे युवक को बना दिया 'गुंडा', दिया जिला छोड़ देने का आदेश

उत्तर प्रदेश कुशीनगर पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर एक बार फिर सवालों के बवंडर उठ खड़े हुए हैं। ताजा मामला इतना हैरान करने वाला है कि लोग दंग रह गए।

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कुशीनगर पुलिस का कमाल! 4 साल पहले सड़क हादसे में मरे युवक को बना दिया 'गुंडा', दिया जिला छोड़ देने का आदेश | Image: Republic

उत्तर प्रदेश कुशीनगर पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर एक बार फिर सवालों के बवंडर उठ खड़े हुए हैं। ताजा मामला इतना हैरान करने वाला है कि लोग दंग रह गए। चार वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके एक युवक को एडीएम न्यायिक ने न केवल ‘गुंडा’ घोषित कर दिया, बल्कि 6 माह के लिए जिले से बाहर रहने का आदेश भी जारी कर दिया। 

मंगलवार को कुशीनगर के एडीएम न्यायिक प्रेम कुमार राय ने गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3/4 के तहत यह आदेश सुनाया। आदेश में चार नामजद व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही दर्ज है, लेकिन उनमें से एक नाम हरविंद सिंह पुत्र अनिल सिंह, जो खड्डा नगर पंचायत के वार्ड संख्या 5 के निवासी थे, वर्ष 2021 में ही बनारस के लहरतारा पुल पर सड़क हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं।

घोर लापरवाही या सिस्टम की नाकामी

प्रशासनिक आदेश के अनुसार हरविंद सिंह के अलावा तीन अन्य आरोपियों मुन्तज़िर पुत्र रामदास, बाहिद रज़ा पुत्र मोनु शेख और राजा शेख पुत्र सफीक को भी गुंडा घोषित किया गया। लेकिन मृतक हरविंद सिंह का नाम सूची में होना इस बात की गवाही देता है कि आदेश जारी करने से पहले न तो उचित जांच-पड़ताल हुई, न ही तथ्यों का सत्यापन।

गांव में चर्चा, अफसरों पर सवाल

इस मामले के सामने आते ही क्षेत्र में चर्चा तेज हो गई। लोग पूछ रहे हैं की "क्या प्रशासन को यह भी नहीं पता कि जिस व्यक्ति के खिलाफ आदेश जारी किया जा रहा है, वह चार साल पहले ही मर चुका है?" यह प्रकरण न केवल पुलिस और प्रशासन की गंभीर लापरवाही उजागर करता है, बल्कि पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर भी गहरा प्रश्नचिह्न लगाता है।

मृतक का परिवार सदमे में

हरविंद सिंह के परिजनों का कहना है कि इस तरह के आदेश से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। चार साल पहले अपने बेटे को खोने का दर्द अभी भी कम नहीं हुआ था, और अब प्रशासन ने उसे ‘गुंडा’ बताकर उनकी पीड़ा को और गहरा कर दिया।

प्रशासन मौन, सवाल का जवाब नहीं

मामले पर अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का स्पष्ट बयान नहीं आया है। यह देखना बाकी है कि क्या इस गंभीर चूक की जांच होगी या फिर यह मामला भी अन्य फाइलों की तरह धूल फांकता रह जाएगा।

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(कुशीनगर से पीके विश्वकर्मा का रिपोर्ट)

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 13 August 2025 at 15:08 IST