अपडेटेड 29 July 2025 at 22:27 IST
UP: जनशिकायतों से खिलवाड़ करने वालों पर डीएम का 'वार', 15 अफसरों की सैलरी पर लगा ब्रेक
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त जनशिकायतों के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही अब कुशीनगर प्रशासन में तैनात अधिकारियों पर भारी पड़ गई है।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त जनशिकायतों के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही अब कुशीनगर प्रशासन में तैनात अधिकारियों पर भारी पड़ गई है। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने सख्त कदम उठाते हुए 15 अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है। साथ ही जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता से 48 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डीएम ने बताया कि शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद शिकायतों के निस्तारण में गंभीरता नहीं बरती गई। 1 जुलाई से 22 जुलाई तक की रिपोर्ट में यह सामने आया कि संबंधित अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं से न तो संपर्क किया और न ही संतोषजनक निस्तारण सुनिश्चित किया, जिससे शासन को नकारात्मक फीडबैक प्राप्त हुआ।
जिन अधिकारियों का वेतन रोका गया
- अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड, पडरौना,जिला पंचायत राज अधिकारी,जिला कार्यक्रम अधिकारी
- अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग (PWD)
- अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड द्वितीय,जिला विकास अधिकारी,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,तहसीलदार
- कप्तानगंज,कसया,खड्डा,हाटा,उपजिलाधिकारी,तमकुहीराज,पडरौना, कप्तानगंज,हाटा अधिशासी अभियंता,जल निगम ग्रामीण
डीएम का स्पष्ट निर्देश
डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने कहा, “शासन द्वारा पारित आदेशों की अवहेलना और जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही अत्यंत गंभीर मामला है। किसी भी स्थिति में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारी शिकायतकर्ताओं से संपर्क करें, गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें और पोर्टल पर फीडबैक अपडेट करें।”
प्रशासनिक महकमे में हलचल
डीएम की इस कड़ी कार्रवाई से प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यदि शिकायतों के निस्तारण में सुधार नहीं हुआ तो और अधिक कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 29 July 2025 at 22:27 IST