अपडेटेड 25 January 2025 at 09:35 IST
'हर मदरसे में पढ़ाया जाए भारत का संविधान...', मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने की वकालत, बोले- ये एकता और अखंडता की गारंटी
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि हर बच्चे को भारतीय संविधान पढ़ाए, ताकि नई पीढ़ी ये जान सके कि संविधान ने नागरिकों को कौन-कौन से अधिकार दिए हैं।
Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi: मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मदरसों में भारत का संविधान पढ़ाए जाने की वकालत की है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि भारत का संविधान देश की सलमियत यानी एकता और अखंडता की गारंटी है। ये अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के लिए बड़ी नेमत है।
बरेली की दरगाह आला हजरत स्थित ग्रंड मुफ्ती हाउस में पिछले दिन जश्ने जम्हूरियत को लेकर गोष्टी का आयोजन हुआ। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ये दिन हमारे जश्न का दिन है। इस देश की जम्हूरियत दरअसल देश की आजादी का नतीजा है। मौलाना ने तमाम मुस्लिम संस्थाओं की ओर से स्थापित स्कूल-कॉलेज और खासतौर पर मदरसों के अपील करते हुए कहा कि हर बच्चे को भारतीय संविधान पढ़ाए, ताकि नई पीढ़ी ये जान सके कि संविधान ने अपने नागरिकों को कौन-कौन से अधिकार दिए हैं और किस तरह से हमें आजादी हासिल है।
मदरसों के छात्र संविधान) नहीं पढ़ पाते हैं- मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मदरसों के छात्र इस तरह की किताब (भारतीय संविधान) नहीं पढ़ पाते हैं और उनको जानकारी नहीं मिल पाती है कि इसलिए मदरसों में संविधान का पढाया जाना बहुत जरूरी है। मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी के अलावा कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
भारत विकास और विश्व नेतृत्व के महत्वपूर्ण मोड़ पर है- मौलाना
मौलाना हाशीम रजा खां ने कहा कि भारत विकास और विश्व नेतृत्व के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, इसलिए इसकी महत्वाकांक्षाओं और घरेलू असंगतियों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। इस्लामीक रिसर्च सेंटर के उप निदेशक आरिफ अंसारी कहते हैं कि सामाजिक घर्षण और विभाजन को कम करने के तरीके के रूप में भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं, समावेशिता और विविध मान्यताओं के सम्मान पर फिर से जोर देना चाहिए।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 25 January 2025 at 09:35 IST