अपडेटेड 4 December 2024 at 14:04 IST
Farmers Protest: नोएडा में किसान यूनियनों का शक्ति प्रदर्शन, CM योगी हुए सख्त; समिति का किया गठन
Noida Farmers Protest: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पास जीरो पॉइंट पर आज (4 दिसंबर) को बड़े पैमाने पर किसान यूनियनों का शक्ति प्रदर्शन है।
Farmers Protest: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पास जीरो पॉइंट पर आज (4 दिसंबर) को बड़े पैमाने पर किसान यूनियनों का शक्ति प्रदर्शन है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों का समाधान करने के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आंदोलनरत किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए औद्योगिक विकास विभाग के सचिव अभिषेक प्रकाश ने 5 सदस्यी समिति गठित करने का आदेश जारी किया।
मुजफ्फरनगर के सिसौली में एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश के 18 जोन में से 5 जोन के किसान ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन करेंगे। ये जोन सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और मुरादाबाद हैं। बाकी जोन के किसान अपने-अपने स्थानों पर प्रदर्शन कर स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे।
एक महीने में सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के नोएडा में 10 फीसदी जमीन आवंटन और साल 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून लागू को लागू करने कर रहे किसानों को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के प्रदर्शन के संबंध में कमेटी बनाने का निर्देश जारी किया है. कमेटी इस रिपोर्ट को एक महीने के अंदर सरकार को सौंप देगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक नोएडा में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के मांगों को लेकर सरकार ने 5 सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। औद्योगिक विकास और अवस्थापना के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर इस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं।
इसके अलावा कमेटी में विशेष सचिव औद्योगिक विकास पीयूष वर्मा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा संजय खत्री, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा सौम्य श्रीवास्तव और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण कपिल सिंह को शामिल किया गया है। कमेटी हर पहलू पर बिंदुवार रिपोर्ट और रिकमेंडेशन एक महीने में सरकार को सौंप देगी।
कई दिनों से जारी है किसानों का आंदोलन
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से नोएडा में किसानों से जुड़े कई संगठन आंदोलन कर रहे हैं। 25 नवंबर से शुरू हुए इस आंदोलन में उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 26 से 28 नवंबर तक धरना दिया था। इसके बाद किसान 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक किसान यमुना प्राधिकरण पर ही डटे रहे।
बता दें कि किसानों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो वह दिल्ली कूच करेंगे। इसके बाद उन्हें दिल्ली-नोएडा के बॉर्डर पर रोक लिया गया था। किसानों की मुख्य मांग साल 1997 से 2008 के बीच सरकार की ओर से किए गए जमीन अधिग्रहण को लेकर है। किसानों की मांग है कि आवासीय और इंडस्ट्रियल एरिया बनाने के लिए जो जमीन किसानों से ली गई है, उसका 10 फीसदी प्लॉट के रूप में बनाकर किसानों को सौंपा जाए। साथ ही किसानों ने मुआवजे में 64 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की जा रही है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 4 December 2024 at 07:08 IST