अपडेटेड 17 December 2024 at 21:59 IST
कांग्रेस का दावा: सरकार ने विधानभवन घेराव के डर से पार्टी नेताओं को नजरबंद करा दिया
अजय राय ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कांग्रेस नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को डराने और उन्हें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
UP: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बुधवार को विधान भवन के घेराव के प्रस्तावित कार्यक्रम से एक दिन पहले पार्टी के प्रमुख अजय राय ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कांग्रेस नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को डराने और उन्हें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
राय ने दावा किया कि कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के डर से राज्य सरकार ने पार्टी के सदस्यों को प्रदर्शन में भाग लेने से रोकने के लिए कई जिलों में नजरबंद कर दिया है। राय ने एक बयान में कहा “कांग्रेस के विधानसभा घेराव कार्यक्रम से घबराई योगी सरकार अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा ले रही है। पुलिस कार्रवाई के जरिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को धमकाया और हिरासत में लिया जा रहा है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का शर्मनाक उल्लंघन और लोगों की आवाज पर हमला है।”
पुलिस दमन का कड़ा जवाब देगी- राय
राय ने कहा कि कांग्रेस राज्य सरकार के "निरंकुश रवैये" और पुलिस दमन का कड़ा जवाब देगी। उन्होंने आगाह किया कि अगर ऐसी ही कार्रवाई जारी रही तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कुचल रही है, लेकिन कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। हमारे कार्यकर्ता बेरोजगारी, महंगाई और कुशासन जैसे मुद्दों पर सरकार से भिड़ने के लिए तैयार हैं।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के सदस्य 'भाजपा सरकार के कुशासन' के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। राय ने कहा, "सरकार भले ही बैरिकेड लगा दे या पुलिस बल का इस्तेमाल करे, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता लड़ने के लिए तैयार हैं। हम सरकार का सामना करने और उसके अत्याचारी व्यवहार को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
राय ने कहा कि विधान भवन का घेराव ऐतिहासिक होगा। उन्होंने कहा, “हम भाजपा की दमनकारी नीतियों से नहीं डरेंगे। कल का विरोध प्रदर्शन योजना के अनुसार आगे बढ़ेगा और हम इस अहंकारी सरकार को घुटने टेकने के लिए दृढ़ हैं।”
कांग्रेस नेताओं का दावा- घर में किया गया नजरबंद
इससे पहले, अमेठी और संत कबीर नगर में कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि उन्हें मंगलवार को 'घर में नजरबंद' कर दिया गया, जबकि पार्टी के एक पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित घेराव योजना के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस के जरिये कार्रवाई की गई। अमेठी में कांग्रेस के जिला प्रमुख प्रदीप सिंघल ने दावा किया कि उन्हें और पार्टी के 100 से अधिक नेताओं और पदाधिकारियों को घर में नजरबंद कर दिया गया। सिंघल ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, "जिले के सभी 17 ब्लॉक अध्यक्षों, पदाधिकारियों, फ्रंटल संगठन के नेताओं और समिति के सदस्यों को घर में नजरबंद कर दिया गया है।"
पुलिस की कार्रवाई को 'अलोकतांत्रिक और निंदनीय' बताते हुए सिंघल ने कहा, "लोकतंत्र में हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार है। कांग्रेस जनता की आवाज है, जिसे यह बहरी और अंधी सरकार दबाने की कोशिश कर रही है। जब यह सरकार डरती है, तो पुलिस का सहारा लेती है।"
संत कबीर नगर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रवीण चंद पांडे ने भी दावा किया कि उन्हें खलीलाबाद शहर में घर में नजरबंद कर दिया गया है। लखनऊ में कांग्रेस के महासचिव (संगठन) अनिल यादव को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 168 (संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए पुलिस का कर्तव्य) के तहत जारी एक आधिकारिक नोटिस के बाद कथित तौर पर लोगों को घर से गिरफ्तार किया गया है। नोटिस में कानून-व्यवस्था को बाधित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
हुसैनगंज थाने की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह ने सरकार की नीतियों के विरोध में बुधवार को लखनऊ में विधान भवन तक पदयात्रा निकालने का प्रस्ताव रखा है। यादव ने ‘एक्स’ पर पुलिस नोटिस की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में कहा, "ऐसे दस्तूर को मैं नहीं मानता, मैं नहीं जानता।"
उन्होंने इसी पोस्ट में कहा, “संभल पीड़ितों के इंसाफ़ के लिए, किसानों के फसलों के दाम के लिए, बेकारी-बेरोजगारी के ख़िलाफ़ कल हमारा विधानसभा घेराव है। देखिए कैसे तानाशाह सरकार नोटिस देकर हमारी आवाज़ को दबाना चाहती है।” उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ है।
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Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 17 December 2024 at 21:59 IST