अपडेटेड 3 October 2024 at 11:30 IST
UP: 'हाथरस कांड' की चार्जशीट में भोले बाबा का नाम नहीं, भड़कीं मायावती ने कहा- 'ये जनविरोधी...'
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस भगदड़ में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें सिर्फ वो लोग शामिल हैं जिन्होंने कार्यक्रम की इजाजत ली थी और कुछ बाबा के सेवादार।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में इस साल 2 जुलाई को नारायण साकार हरि 'भोले बाबा' का एक सत्संग हुआ था जिसमें अव्यवस्था की वजह से हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। अब पुलिस ने इस मामले में 3200 पेज की चार्जशीट दायर की है लेकिन चार्जशीट से भोले बाबा का नाम गायब है। इस बात को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार पर हमला बोला है। इस भगदड़ में हुई 121 मौत के लिए यूपी पुलिस ने 11 लोगों के नाम चार्जशीट में डाले हैं जबकि भोले बाबा का नाम चार्जशीट में नहीं है। मुकेश कुमार, मेघ सिंह, देव प्रकाश मधुकर, राम लड़ैते, मंजू देवी, राम प्रकाश शाक्य, संजू कुमार, मंजू यादव, उपेंद्र सिंह, दलवीर सिंह और दुर्वेश कुमार शामिल हैं जिसमें से मंजू देवी और मंजू यादव को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस भगदड़ में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें सिर्फ वो लोग शामिल हैं जिन्होंने कार्यक्रम की इजाजत ली थी और कुछ बाबा के सेवादार। इस चार्जशीट में भोले बाबा का कहीं भी नाम नहीं है। इस मामले में बचाव पक्ष के वकील ए.पी. सिंह ने बताया कि पुलिस ने 3200 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया है कि हाथरस में मारे गए 121 बेगुनाहों के मामले में राज्य सरकार में आरोपी सुरजपाल उर्फ नारायण सरकार उर्फ भोले बाबा को संरक्षण दे रही है और उसे बचा रही है।
योगी सरकार पर भड़कीं मायावती
मायावती ने यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा, ‘पुलिस चार्जशीट में बाबा को क्लीन चिट है और दूसरे सेवादारों को आरोपी बनाकर लीपापोती कर दी गई। यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित है।’
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बोला हमला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले में राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कई सवाल खड़े करते हुए आगे कहा, 'मीडिया के अनुसार सिकन्दराराऊ की इस दर्दनाक घटना को लेकर 2,300 पेज की चार्जशीट में 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया है, किन्तु बाबा सूरजपाल के बारे में सरकार द्वारा पहले की तरह चुप्पी क्या उचित? ऐसे सरकारी रवैये से ऐसी घटनाओं को क्या आगे रोक पाना संभव? आमजन चिन्तित।'
क्या था मामला?
2 जुलाई 2024 के दिन हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार के सत्संग का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगवान का सत्संग चल रहा था कि तभी किसी बात को लेकर वहां पर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में सत्संग सुनने के लिए आए 121 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की थी। इस मामले में पुलिस और सरकारी एजेंसियों कार्यक्रम के आयोजकों को दोषी ठहराते हुए उन पर चार्जशीट दायर की और भोले बाबा का नाम चार्जशीट में नहीं डाला गया। इस बात को लेकर अब सरकार और प्रशासन की खिंचाई हो रही है। इसी बात को लेकर बसपा सुप्रीमों ने हमला बोला है। इस आयोजन में कुल 80 हजार लोगों के इंतजाम किए गए थे जबकि वहां पर 2.5 लाख से भी ज्यादा लोग पहुंच गए थे।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 3 October 2024 at 11:19 IST