अपडेटेड 20 July 2025 at 16:57 IST
31 लीटर जल, कांवड़ पर महादेव की जगह ये खास फोटो...बेटी को दी जिंदगी तो पिता ने डॉक्टर को मान लिया भगवान; हर तरफ इस कांवडि़ए की चर्चा
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू धर्म में इस महीने का खास महत्व है। इस महीने की शुरुआत में ही शिव भक्त कांवड़ यात्रा पर निकल जाते हैं।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू धर्म में इस महीने का खास महत्व है। इस महीने की शुरुआत में ही शिव भक्त कांवड़ यात्रा पर निकल जाते हैं। माना जाता है कि इस माह में भगवान शिव को जल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके साथ भगवान ने चमत्कार किया हो और वो आस्था के रास्ते पर निकल गए। ऐसा ही हुआ है बड़ौत कस्बे के रहने वाले विशाल भारद्वाज के साथ।
विशाल की नवजात बेटी जिंदगी की जंग हारने वाली थी लेकिन तभी एक डॉक्टर 'भगवान' बनकर आया और सबकुछ बदल गया। आपको बता दें कि बागपत के बड़ौत कस्बे के रहने वाले विशाल भारद्वाज की बेटी प्रीमैच्योर होने के कारण जन्म के तुरंत बाद ही गंभीर हालत में पहुंच गई थी। जिसके चलते डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए थे और परिवार ने उम्मीदें छोड़ दी थीं।
भगवान बनकर आए डॉ अभिनव तोमर
बड़ौत के एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. अभिनव तोमर ने हार नहीं मानी। उन्होंने न केवल उस नन्हीं जान को बचाया, बल्कि पूरे परिवार को जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी लौटा दी। अब उस डॉक्टर की लंबी उम्र के लिए विशाल कांवड़ यात्रा पर हैं।
विशाल ने तय किया है कि वो डॉक्टर अभिनव तोमर को भगवान मानेंगे। इसी के लिए उन्होंने हरिद्वार से 31 लीटर गंगाजल की विशेष कांवड़ उठाया है। इस कांवड़ पर उन्होंने डॉक्टर अभिनव की तस्वीर लगाई है। कांवड़ पर डॉक्टर की तस्वीर देख हर कोई देखता ही रह जा रहा है और भावुक भी हो जा रहा है। किसी ने जब विशाल से पूछा तो उन्होंने मुस्कराकर कहा- ये वो हैं जिन्होंने मेरी बेटी को जिंदगी दी।
अगले साल 51 लीटर जल ले जाने का प्रण
विशाल का कहना है कि इस बार डॉक्टर साहब के नाम पर 31 लीटर जल लेकर जा रहा हूं। लेकिन अगले साल 51 लीटर जल लाऊंगा। डॉक्टर साहब के नाम की कांवड़ यात्रा हर साल करूंगा।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 20 July 2025 at 16:57 IST