अपडेटेड 19 January 2024 at 11:14 IST
Ayodhya: बिना माचिस, गैस लाइटर के अरणिमन्थन मंत्र से प्रकट होगी अग्नि, क्या है ये वैदिक पद्धति
Ayodhya: 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे।
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 19 जनवरी को अयोध्या में अरणिमंथन मंत्र से अग्निदेव की पूजा होनी है। दरअसल यज्ञों में आहुति के लिए अग्नि की जरूरत होती है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले यज्ञ के लिए अग्नि प्रज्वलित करने के लिए माचिस या गैस लाइटर नहीं बल्कि मंत्रों से अग्नि उत्पन्न की जाएगी। इसके लिए वैदिक पद्धति अपनाई जाएगी। जिसे अरणी मंथन कहा जाता है।
अरणी मंथन से अग्नि मंत्र का उच्चारण करते हुए अग्नि को प्रकट किया जाता है और उसी अग्नि में पूरी दुनिया के कल्याण के लिए हवन किया जाता है। अग्नि प्रकट होने के बाद घी एवं अन्य हवनीय पदार्थों से अग्निदेव को आहुति दिया जाएगा। बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक शमी को अग्नि का स्वरूप माना जाता है। वहीं पीपल को भगवान का और पीपल की लकड़ी से ही अरणई मंथन काष्ठ बनता है। अग्नि प्रकट करने को लेकर लोगों में कौतूहल भी बना हुआ है।
बता दें कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। वहीं श्रीरामलला विराजमान के दर्शन के लिए अयोध्या में श्रद्धालुओं के पास आज आखिरी दिन है। इस मूर्ति की श्रद्धालु 75 साल से दर्शन कर रहे हैं। आज इस मूर्ति की पूजा का आखिरी दिन है। कल से राम मंदिर (Ram Mandir) परिसर में स्थित उनकी मूर्ति के दर्शन बंद नहीं हो सकेगी। अब यह 'चल मूर्ति' के तौर पर मुख्य गर्भ गृह में रखी जाएगी।
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर केंद्र सरकार के बाद अब ओडिशा सरकार ने भी 22 जनवरी, 2024 को पूरे आधे दिन का अवकाश घोषित किया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने देशभर में दफ्तरों में आधे दिन काम करने का ऐलान किया था।
Published By : Arpit Mishra
पब्लिश्ड 19 January 2024 at 10:37 IST