अपडेटेड 3 September 2024 at 19:57 IST

भेड़िया आया भेड़िया आया... बहराइच और सीतापुर के बाद बाराबंकी में भी बच्ची पर किया हमला, खौफ में जनता

बाराबंकी में भेड़िए के हमले से दहशत का माहौल है। यहां बकरी चराने गई एक बच्ची और एक युवक पर भेड़िए ने कर दिया। हमले में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।

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Wolf terror in Barabanki | Image: PC: Pixabay

UP Wolf Attack: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अगर लोगों की जुबान पर कुछ है तो वो है आदमखोर भेड़िया। भेड़िए ने इस कदर आतंक मचाया है कि लोगों की रातों की नींद-चैन सब कुछ गायब हो गया है। इन आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए प्रशासन ने वन विभाग की टीमें तैनात भी कर दी हैं और अब कर चार भेड़ियों को पकड़ लिया गया है।

भेड़ियों का आतंक यूपी के एक जिले से दूसरे जिले में फैलता जा रहा है। बहराइच और सीतापुर के बाद बाराबंकी में भेड़िए का आतंक देखने को मिल रहा है। बाराबंकी में भेड़िए के हमले से दहशत का माहौल है। यहां बकरी चराने गई एक बच्ची और एक युवक पर भेड़िए ने कर दिया। हमले में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।

भेड़िए ने बच्ची और एक युवक को बनाया निशाना

मिली जानकारी के मुकाबिक, भेड़िए ने पहले बकरी को निशाना बनाया, उसके बाद बकरी को बचाने गई बच्ची पर भेड़िए ने हमला बोल दिया। रिजवाना को बच्ची पर भेड़िए का हमला देख एक युवक उसे बचाने आया तो भेड़िए ने हमला कर युवक को भी घायल कर दिया। रिजवाना को बचाने गए युवक को सीएससी में भर्ती कराया गया है। वहीं गंभीर रूप से घायल बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका प्राथमिक उपचार जारी है। पूरा मामला जैदपुर थाना क्षेत्र के बघौरा गांव का है।

भेड़िये के हमले घायल बच्ची

बहराइच में रात के 12 बजे मासूम पर हमला

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि हर कोई दहशत में जी रहा है। शाम ढलते ही हर व्यक्ति पर हमला होने का डर बना रहता है। अमावस की रात को भेड़िये और भी खतरनाक हो जाते हैं और ऐसा ही कुछ हुआ 2 सितंबर की रात को, 12 बजे जब सोमवती अमावस्या की रात एक मासूम पर हमला किया गया। तो बच्ची ने चीख-पुकार मचाई, जिससे भेड़िया उसे छोड़कर भाग गया और उसकी जान बच गई।

इंसानों की गंध सूंघकर शिकार करते हैं भेड़िए

आदमखोर भेड़िए अपनी तेज सूंघने की क्षमता के जरिए इंसानों की गंध पहचानकर शिकार की जगह ढूंढ लेते हैं। वे खासतौर पर छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं, ऐसे में इन 35 गांवों के लोग डर के साय में जी रहे हैं। लोग ग्रुप में निकलने के लिए मजबूत है ताकि उनपर हमला न हो जाए और अपने छोटे बच्चों को छिपा कर रखा रहे हैं।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 3 September 2024 at 17:16 IST