अपडेटेड 4 October 2024 at 23:04 IST

UP: प्रतापगढ़ जिले के DSP जियाउल हक हत्याकांड में 10 लोग दोषी करार, सजा पर 9 अक्टूबर को सुनवाई

सीबीआई की विशेष अदालत ने प्रतापगढ़ जिले में डीएसपी जियाउल हक की हत्या के लगभग 11 साल पुराने मामले में शुक्रवार को 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है।

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10 people convicted in Pratapgarh district DSP Ziaul Haq murder case hearing on 9 Oct | Image: Representative Image

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने प्रतापगढ़ जिले में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी/सीओ) जियाउल हक की हत्या के लगभग 11 साल पुराने मामले में शुक्रवार को 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है।

वर्ष 2013 के इस हत्याकांड में विशेष अदालत ने दोषी करार दिए गए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। अदालत ने आरोपियों की सजा पर सुनवाई के लिए नौ अक्टूबर की तारीख तय की है।

विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार ने यह आदेश दिया है। अदालत ने जिन लोगों को दोषी ठहराया है उनमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पाल उर्फ ​​बुल्ले पाल का नाम शामिल है।

कुंडा क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ/डीएसपी) हक की दो मार्च 2013 को प्रतापगढ़ के हथिगवां थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। हक की पत्नी परवीन आजाद ने हत्या के मामले में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया पर भी आरोप लगाया था, हालांकि सीबीआई ने उनके पक्ष में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।

सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट को परवीन ने सीबीआई अदालत में ‘प्रोटेस्ट’ याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी, जिसके बाद सीबीआई अदालत ने आठ जुलाई 2014 को पारित अपने आदेश में सीबीआई जांच पर गंभीर सवाल उठाए थे। साथ ही अदालत ने परवीन द्वारा दर्ज कराई प्राथमिकी की अग्रिम विवेचना के आदेश दिए थे और अंतिम रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था।

अग्रिम विवेचना के उक्त आदेश को सीबीआई ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी लेकिन सीबीआई की याचिका को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दिया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना की शुरूआत दो मार्च 2013 को बलीपुर गांव में शाम को प्रधान नन्हे सिंह यादव की हत्या से हुई, जिसके बाद प्रधान के समर्थक बड़ी संख्या में हथियार लेकर बलीपुर गांव पहुंच गए थे।

गांव में इस कदर बवाल हो रहा था कि कुंडा के कोतवाल सर्वेश मिश्र अपनी टीम के साथ यादव के घर की तरफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके, तभी सीओ हक गांव में पीछे के रास्ते से प्रधान के घर की तरफ बढ़े। बताया गया कि गांव वाले गोलीबारी कर रहे थे, गोलीबारी से डरकर सीओ की सुरक्षा में तैनात गनर इमरान और एसएसआई कुंडा विनय कुमार सिंह खेत में छिप गए।

हक के गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। इसी दौरान गोली लगने से नन्हे सिंह यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी मौत हो गई। अभियोजन के मुताबिक सुरेश की मौत के बाद हक को घेर लिया गया और पहले लाठी-डंडों से पीट-पीटकर उन्हें अधमरा किया गया और फिर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। रात 11 बजे बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी बलीपुर गांव पहुंचे और सीओ की तलाश शुरू हुई। आधे घंटे बाद जियाउल हक का शव प्रधान के घर के पीछे पड़ा मिला।

Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 4 October 2024 at 23:04 IST