अपडेटेड 17 January 2025 at 23:19 IST
उप्र को अतिक्रमण के कारण लुप्त हुईं झीलों को बहाल करने की जरूरत: उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने तालाबों और झीलों के संरक्षण पर उसके आदेश का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई।
उच्चतम न्यायालय ने तालाबों और झीलों के संरक्षण पर उसके आदेश का पालन नहीं करने पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और कहा कि अतिक्रमण के कारण लुप्त हुए जलाशयों को बहाल करना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश में पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को समिति बनाने का निर्देश दिया था, जिसमें राजस्व एवं पर्यावरण विभाग और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हों, ताकि शिकायतों की जांच की जा सके और उनका समाधान किया जा सके, विशेषकर बिजनौर जिले में जल निकायों पर अतिक्रमण के मामले में।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने निर्देश का अनुपालन न करने पर शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जताई और पर्यावरण विभाग के सचिव को 24 जनवरी तक व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें 16 जुलाई के आदेश के बाद उठाए गए कदमों का विवरण हो।
पीठ ने पूछा, “उप्र सरकार क्या कर रही है?… हमारे आदेश का अनुपालन कहां हो रहा है?”
इसने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में लुप्त हो चुकी सभी झीलों की पहचान करनी होगी और उनका जीर्णोद्धार करना होगा। पीठ ने मिर्जा आबिद बेग की याचिका को 27 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 17 January 2025 at 23:19 IST