अपडेटेड 6 February 2025 at 12:46 IST
हाथों में हथकड़ी, पैरों में बेड़ियां और कैदियों जैसा बर्ताव... अमेरिका से डिपोर्ट भारतीयों की दर्दनाक दास्तान ने झकझोर दिया
US ने 104 भारतीयों को अमृतसर तो उतारा लेकिन, उनके साथ जो बर्ताव हुए उसने सभी को झकझोर कर रख दिया है। डिपोर्ट भारतीयों ने सुनाई दर्दभरी दास्तान।
Deported Indian Story: अमेरिकी एयरफोर्स विमान ग्लोबमास्टर बुधवार को दोपहर करीब 1 बजकर 5 मिनट पर भारत के अमृतसर में गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करता है, जिसमें 104 अवैध प्रवासी भारतीय नागगिक मौजूद थे, इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अफसर भी साथ आए, यह पहली बार हुआ जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए एयरफोर्स विमान का इस्तेमाल किया हो, US एयरफोर्स विमान करीब साढ़े 3 घंटे भारत के एयरपोर्ट पर रहता है और फिर वापस लौट जाता है। US ने 104 भारतीयों को अमृतसर तो उतारा लेकिन, उनके साथ जो बर्ताव हुए उसने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
बता दें इन 104 अवैध प्रवासी में से 48 की उम्र 25 साल से कम है। 13 नाबालिग हैं, जिनमें 4 साल का बच्चा भी शामिल है। अमृतसर पहुंचने वाले कुछ लोगों को पुलिस की गाड़ियों में उनके गांव ले जाया गया। बाकी राज्य के लोगों को फ्लाइट के जरिए भेजा गया। वहीं अब ये सभी अमेरिका समेत 20 देशों में कभी नहीं जा पाएंगे। डिपोर्ट भारतीयों में से जसपाल सिंह ने बताया कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि उन्हें भारत लाया जा रहा है। वह बताते हैं कि 'हमें लगा कि हमें किसी और हिरासत केंद्र में भेजा जा रहा है। हमें हथकड़ी और बेड़ियां पहनाई गई थीं, जैसे हम कोई खतरनाक अपराधी हों।'
कैदियों की तरह जबरन डिपोर्ट, परिवार अमेरिका में ही छूटा…
इस घटना ने प्रवासी भारतीयों और उनके परिवारों के दिलों में गहरी नाराजगी और डर पैदा कर दिया है। जिन भारतीयों को जबरन वापस भेजा गया, उनमें कई ऐसे थे, जिनके बच्चे और परिवार अभी भी अमेरिका में हैं। जरा सोच कर देखिए उन पर उस वक्त क्या बीत रही होगी उन भारतीयों पर जब बिना बताए उन्हें कैदियों की तरह जबरन कहीं ले जाया जा रहा हो और उन्हें पता ही नहीं था कि वो कहां जा रहे हैं, आधा परिवार अमेरिका में रह गया, बच्चे रह गए, उनकी तकलीफों और दर्द को लेकर सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त रिएक्शन देखने को मिल रहा है। वहीं, भारत पहुंचने के बाद अब उनके सामने नए संघर्ष खड़े हो गए हैं।
हथकड़ी लगाई गई, पैरों में जंजीरें बंधी थीं- जसपाल
अमेरिका से भारत भेजे गए लोगों को पंजाब पुलिस ने जिन्हें छोड़ा इसमें पंजाब के जसपाल सिंह भी शामिल थे। जसपाल ने बताया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए 30 लाख रुपये दिए थे, लेकिन ट्रैवल एजेंट ने उन्हें धोखा दिया और फिर बाद में उन्हें अवैध रूप से बॉर्डर क्रोस करवाया गया। डिपोर्ट किए गए जसपाल सिंह ने बताया कि पहले तो उन्हें पता ही नहीं था कि उन्हें भारत ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा- 'हमें हथकड़ी लगाई गई और हमारे पैरों में जंजीरें बंधी थीं। अमृतसर एयरपोर्ट पर हमे 40 घंटों के बाद खोला गया। इस दौरान वॉशरूम जाने पर भी पाबंधियां थी, उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। खाना खाने के लिए भी उन्हें मुश्किलों का सामना किया। बता दें प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे।
'डंकी रूट' से पहुंचे थे अमेरिका, फिर भेजे गए वापस
बताया जा रहा है कि ये सभी लोग अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इनमें से ज्यादातर को अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर पकड़ा गया था. ये लोग "डंकी रूट" (Dunki Route) यानी गैरकानूनी रास्तों से अमेरिका पहुंचे थे. डंकी रूट का इस्तेमाल करने के लिए इन्हें दलालों को लाखों रुपये देने पड़े, लेकिन अमेरिका की सख्त आव्रजन नीति के चलते इन्हें वहां बसने का मौका नहीं मिला और अब इन्हें भारत वापस भेज दिया गया है।
डंकी रूट (Dunki Route) क्या होता है?
डंकी रूट यानी गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने का रास्ता। इसमें लोग कई देशों से होते हुए गैरकानूनी रूप से अमेरिका, कनाडा या यूरोप में घुसने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर, ये लोग यह सफर बेहद खतरनाक तरीके से करते हैं जिसमें जान भी जा सकती है। लोग जंगलों, समुद्रों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हैं, जहां लूट, रेप, किडनैपिंग और जानलेवा बीमारियों का खतरा बना रहता है।
अमेरिका में बढ़ी सख्ती, ट्रंप प्रशासन ने लिया कड़ा फैसला
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। यह पहली बार है जब अमेरिका से इतने बड़े पैमाने पर भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है।
भारत में कानूनी कार्रवाई नहीं, लेकिन जांच जारी
डिपोर्ट किए गए लोगों पर भारत में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, क्योंकि उन्होंने भारत के किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। वे कानूनी रूप से भारत से बाहर गए थे, लेकिन अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश के कारण उन्हें वापस भेजा गया है। हालांकि, अगर इन लोगों के पास पासपोर्ट उपलब्ध नहीं हैं। तो उनकी पहचान बायोमेट्रिक्स के जरिए की जाएगी। वहीं, सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ये लोग किन एजेंटों के जरिए अमेरिका पहुंचे थे और उन्हें वहां किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। डिपोर्ट किए गए भारतीयों की पहचान और उनके घर भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, सरकार इस मामले में दलालों और मानव तस्करी से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 6 February 2025 at 12:39 IST