अपडेटेड 7 December 2024 at 17:30 IST

UP: बदायूं के सूर्यकुंड को लेकर विवाद, VHP ने लगाए शिवलिंग और नंदीबाबा को गड्ढे में दबाने के आरोप

उत्तर प्रदेश के बदायूं के सूर्यकुंड विवाद मामले में VHP ने शिवलिंग और नंदीबाबा को गड्ढे में दबाने का आरोप लगाया है।

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बदायूं सूर्यकुंड विवाद। | Image: Screen Grab

बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर  के दावे पर अभी सुनवाई पूरी भी नहीं हुई थी कि शहर के ही सूर्य कुंड में 80 साल से स्थापित शिवलिंग और नंदीबाबा को गड्ढे में खोदकर दबाने का मामला सामने आया है। VHP और बजरंग दल का कहना है कि सूर्यकुंड में 80 साल से स्थापित शिवलिंग और नंदीबाबा को गड्ढे में खोदकर दबाया गया। 

शिवलिंग और नंदी बाबा को गड्ढे में गाडकर उनके ऊपर चबूतरा बनाया गया। पूर्व जिला अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने लाखों रुपए की लागत से सूर्यकुंड का जीर्णोदार कराया था। जानकारी होने पर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। पुलिस को दी गई सूचना पुलिस आनन फानन में मौके पर पहुंची।

तालाब में मूर्तियां पड़े होने का दावा

पुलिस ने सूर्यकुंड के आवास स्थल में भी अपना ताला डाला। सिविल लाइन पुलिस ने 6 लोगों को मौके से गिरफ्तार कर थाने भेजा। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि सरकार से मांग की जाएगी सूर्यकुंड को किसी संस्था के हवाले किया जाए। कुछ धार्मिक मूर्तियां सूर्यकुंड के तालाब में भी पड़े होने की भी सूचना। सूर्य कुंड का असली नाम सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटन स्थल है। सूर्यकुंड सिविल लाइन थाना क्षेत्र के दातागंज रोड मझिया गांव में बना है।

क्या है बदायूं का जामा मस्जिद विवाद?

बदायूं के जामाम मस्जिद विवाद मामले में हिंदू महासभा ने साल 2022 में बदायूं की जामा मस्जिद (Jama Masjid) में नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple) के होने का दावा करते हुए केस दायर किया था। मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। शनिवार (30-11-2024) को जामा मस्जिद की इंतियामिया कमेटी की ओर से पक्ष रखा गया लेकिन बहस पूरी नहीं हो सकी जिसके बाद कोर्ट ने 3 दिसंबर को अगली तारीख दी। हालांकि, इस दिन सुनवाई नहीं हो पाई। 

10 दिसंबर तक टली अगली सुनवाई

3 दिसंबर को इस मामले में कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई। अब अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी और तभी तय होगा कि ये मामला सुनवाई योग्य है या नहीं। शम्सी शाही मस्जिद को बदायूं शहर की सबसे ऊंची इमारत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मस्जिद देश की तीसरी सबसे पुरानी और सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसमें 23,500 लोगों के एकसाथ नमाज अदा करने की क्षमता है। शम्सी शाही मस्जिद की मस्जिद समिति और वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिवादी, वकील अनवर आलम और असरार अहमद ने बीते शनिवार को बहस पूरी की।

(इनपुट भाषा)

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 7 December 2024 at 16:44 IST