अपडेटेड 17 September 2021 at 15:06 IST
उम्र तय करने के लिए Aadhaar Card नहीं हैं वैध दस्तावेज: हाईकोर्ट
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि Aadhar Card का इस्तेमाल उम्र के प्रमाण के रूप में नहीं किया जा सकता है।
समय-समय पर, भारत में कई लोगों ने अपने उम्र को वेरीफाई करने के लिए आधार कार्ड (Aadhar card) को एक जरूरी डाक्यूमेंट्स (document) के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। हालांकि, हाल के एक मामले में, पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि 12 अंकों की पहचान संख्या (identification number) का इस्तेमाल उम्र के प्रमाण के रूप में नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि चूंकि आधार कार्ड नामांकन के समय कोई डाक्यूमेंट्स डिटेल्स नहीं मांगा जाता है, इसलिए आधार कार्ड को उम्र के वैध प्रमाण (valid proof) के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
आधार कार्ड, यूनिक आइडेंटिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) द्वारा जारी किया गया है, जो हाल के दिनों में एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट बन गया है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली कई सेवाओं का लाभ उठाने से लेकर बैंकिंग सुविधाओं के लिए आवेदन करने तक, हर किसी को आधार कार्ड बनाने की आवश्यकता होती है।
खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, जींद जिले से भागे एक दंपति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जस्टिस अमोल रतन सिंह ने उम्र के वैध प्रमाण के तौर पर आधार की वैधता से संबंधित आदेश पारित किया था।
जिस पर हाईकोर्ट ने कथित तौर पर कहा कि उनके आधार कार्ड के अलावा किसी भी याचिकाकर्ता की उम्र का कोई सबूत नहीं है। "... इसलिए, यदि वास्तविक वेरिफिकेशन पर याचिकाकर्ता, विशेष रूप से याचिकाकर्ता नंबर 1 (लड़की) की आयु बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के संदर्भ में विवाह योग्य आयु से कम पाई जाती है, तो यह आदेश वर्जित नहीं होगा।
अदालत ने अधिकारियों को लड़की की वास्तविक उम्र निर्धारित करने का भी निर्देश दिया है। हालांकि, फिलहाल कोर्ट ने दंपति को पुलिस सुरक्षा प्रदान की है।
Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 17 September 2021 at 14:59 IST