अपडेटेड 12 March 2025 at 18:12 IST
भारत और यूरोप के इस देश में भी हो चुकी है ट्रेन हाईजैक, जानें इतिहास की डरावनी घटना
ट्रेन हाईजैक की घटनाएं प्लेन हाईजैकिंग के मुकाबले बहुत कम देखने को मिलती हैं। ट्रेनों को नियंत्रित करना और उन्हें लंबे समय तक कब्जे में रखना मुश्किल होता है।
Train Hijack incidents in History : 11 मार्च, 2025 को पाकिस्तान के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। इतिहास के पन्ने जब भी पलटे जाएंगे, तो इस दिन की पाकिस्तान के साथ-साथ पूरी दुनिया में चर्चा होगी। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को एक सुरंग में बलूच विद्रोहियों ने एक यात्री ट्रेन पर हमला कर हाईजैक कर लिया।
पाकिस्तान आर्मी ने दावा किया है कि सुरक्षा बलों ने अभी तक 190 यात्रियों को बचाया है और 30 बलूच बलोचियों को मार गिराया है। सुरक्षा बलों ने बुधवार को दूसरे दिन भी भारी हथियारों से लैस विद्रोहियों से लड़ाई जारी रखी। बलूच लिबरेशन आर्मी ने जाफर एक्सप्रेस में सवार जिन लोगों को बंधक बनाया है। उन सैकड़ों यात्रियों में पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के लोग भी शामिल है। लेकिन ट्रेन हाईजैक की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भारत समेत यूरोप के देश नीदरलैंड में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।
भारत में ट्रेन हाईजैक
ट्रेन हाईजैक की घटनाएं प्लेन हाईजैकिंग के मुकाबले बहुत कम देखने को मिलती हैं। क्योंकि ट्रेनों को नियंत्रित करना और उन्हें लंबे समय तक कब्जे में रखना मुश्किल होता है। भारत में ट्रेन हाईजैक की घटनाएं दुर्लभ रही हैं, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी हुई जिन्होंने रेलवे सुरक्षा पर सवाल खड़े किए। भारत में 2009 और 2013 में ट्रेन हाईजैक की गई थीं।
2009: भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस
भारत में ट्रेन हाईजैक की पहली घटना 13 अक्तूबर, 2009 को पश्चिम बंगाल के जंगलमहल में हुई थी। माओवादियों ने भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस को हाईजैक करने की कोशिश की थी। 300-400 हथियारबंद माओवादियों की ये कोशिश सरकार के खिलाफ विद्रोह था। माओवादियों ने ट्रेन में सवार यात्रियों को बंधक बनाने की कोशिश की थी। इसका मकसद माओवादी नेता छत्रधर महतो की गिरफ्तारी का विरोध था। 20 पुलिसकर्मियों और 150 CRPF के जवानों ने ऑपेरशन चलाकर ट्रेन ड्राइवर और यात्रियों को सुरक्षित आजाद करा लिया था।
2013: जनशताब्दी एक्सप्रेस
भारत में ट्रेन हाईजैक की दूसरी घटना 6 फरवरी, 2013 को महाराष्ट्र में मुंबई-हावड़ा रेल रूट पर सिरसा गेट और कुम्हारी के बीच हुई थी। अपराधियों ने जनशताब्दी एक्सप्रेस के ड्राइवर को धमकाकर ट्रेन को करीब 13 किलोमीटर तक अपने कब्जे में रखा था। यह घटना जयचंद अपहरण कांड से जुड़ी थी, जिसे मुख्य आरोपी उपेंद्र सिंह उर्फ काबरा ने जेल से फरार होने के बाद अंजाम दिया था। कोर्ट ने इस मामले में 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
रेलवे सुरक्षा में हुए बदलाव?
भारतीय रेलवे ने इन घटनाओं से सबक लेते हुए कई सख्त कदम उठाए हैं। रेलवे ने ट्रेनों में RPF (Railway Protection Force) और GRP (Government Railway Police) की मौजूदगी बढ़ाई है। इसके अलावा ट्रेनों में CCTV कैमरे, इमरजेंसी कॉल सिस्टम और हेल्पलाइन नंबर (139) शुरू किए गए। संवेदनशील क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।
नीदरलैंड में ट्रेन हाईजैक
भारत और पाकिस्तान के अलावा यूरोप के देश नीदरलैंड में भी दो बार ट्रेन हाईजैक हो चुकी है। 1977 में नीदरलैंड के डी लींडे ट्रेन में दक्षिण मोलुकन विद्रोहियों ने एक यात्री ट्रेन को हाईजैक कर 50 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। ये हाईजैक करीब 20 दिनों तक चला था, जिसमें 2 बंधकों और 6 हाईजैकर्स की मौत हो हुई थी। डच मरीन ने ऑपरेशन चलाकर ट्रेन और यात्रियों को आजाद कराया था। हाईजैकर्स, दक्षिण मोलुकन स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे और नीदरलैंड सरकार पर दबाव बनाना चाहते थे।
1975 में भी नीदरलैंड में ट्रेन हाईजैक हुई थी। यह भी दक्षिण मोलुकन स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा था। हाईजैकर्स ने ट्रेन को हाईजैक कर 70 यात्रियों को बंधक बनाया था। 12 दिन बाद हाईजैकर्स ने आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन इस दौरान 3 बंधकों की हत्या कर दी गई थी।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 12 March 2025 at 18:12 IST