अपडेटेड 15 January 2025 at 12:58 IST
प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में तीन बड़े युद्धपोत नौसेना में हुए शामिल, जानें खासियत
भारतीय नौसेना के युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को बुधवार को यहां नौसेना की गोदी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में बल में शामिल किया गया।
भारतीय नौसेना के युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को बुधवार को यहां नौसेना की गोदी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में बल में शामिल किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि तीन फ्रंटलाइन नौसैनिक युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने से रक्षा क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने की भारत की कोशिशों को मजबूती मिलेगी तथा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास बढ़ेगा।
नौसेना ने तीनों बड़े युद्धपोतों के शामिल होने को एक ऐतिहासिक अवसर करार दिया। आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है जो शिवालिक श्रेणी के युद्धपोतों में महत्वपूर्ण उन्नयन को दर्शाता है। भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए और मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित आईएनएस नीलगिरि में उन्नत विशेषताएं हैं।
नौसेना की बढ़ी ताकत
यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से परिपूर्ण है तथा एमएच-60 आर समेत विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर का परिचालन कर सकता है। परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों की अगली पीढ़ी का सदस्य है। इसके डिजाइन और क्षमता में सुधार किए गए हैं और यह नौसेना के सतह पर रहने वाले बेड़े का महत्वपूर्ण सदस्य है।
इसे भी आईएनएस नीलगिरि की तरह वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और एमडीएल में इसका विनिर्माण किया गया है। आईएनएस वाघशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है। यह बहुभूमिका वाला डीजल-विद्युत संचालित पोत है। तीनों युद्धपोतों का डिजाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है और इससे देश की रक्षा उत्पादन क्षेत्र में बढ़ती दक्षता रेखांकित होती है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 15 January 2025 at 12:58 IST