अपडेटेड 11 February 2024 at 14:11 IST
दयानंद जी राष्ट्रीय भावना वाले ऋषि थे... स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती पर पीएम मोदी ने किया याद
स्वामी दयानंद सरस्वती के 200वें जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में पीएम मोदी भी शामिल हुए और उन्हें याद किया।
स्वामी दयानंद सरस्वती के 200वें जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए और उन्हें याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती वैदिक ऋषि नहीं थे। वो तो राष्ट्रीय भावना के ऋषि थे। स्वामी दयानंद सरस्वती जी का दिखाया मार्ग अमृतकाल में करोड़ों लोगों में आशा का संचार कर रहा है। उनकी 200वीं जयंती से जुड़े कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
पीएम मोदी ने कहा, "मुझे खुशी है कि स्वामी जी के योगदानों को याद करने के लिए उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के लिए आर्य समाज ये महोत्सव मना रहा है। जिस महापुरुष का योगदान इतना अप्रतीम हो, उनसे जुड़े महोत्सव का इतना व्यापक होना स्वाभाविक है। मुझे विश्वास है कि ये आयोजन हमारी नई पीढ़ी को महर्षि दयानंद से परिचय कराने का प्रभावी माध्यम बनेगा।"
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे जिस जगह स्वामी जी जन्में वहां जन्म मिला। उनकी कर्मभूमि हरियाणा, लंबे समय तक मुझे भी वहां के जीवन को जानने समझने और काम करने का अवसर मिला। मेरे जीवन में उनका एक अलग प्रभाव है, एक अलग भूमिका है।"
जब भारत के लोग चेतना खो रहे थे तो दयानंद जी का जन्म हुआ: पीएम मोदी
दयानंद सरस्वती के 200वें जयंती पर पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास में कुछ दिन कुछ क्षण कुछ पल ऐसे आते हैं जो भविष्य की दिशा बदल देते हैं। आज से 200 वर्ष पहले दयानंद जी का जन्म ऐसा ही अभूतपूर्व पल था। ये वो दौर था जब गुलामी में फंसे भारत के लोग अपनी चेतना खो रहे थे। उन्होंने तब देश को बताया कि कैसे रूढ़ियों और अंधविश्वास ने देश को जकड़ा हुआ है।
पीएम मोदी का दीन दयाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखते हुए देश को आगे ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों ने विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरणास्रोत का काम किया है।
उन्होंने लिखा, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजन की ओर से शत-शत नमन। उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का मार्ग दिखाया, जो विकसित भारत के निर्माण में भी प्रेरणास्रोत बना है।”
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 11 February 2024 at 12:52 IST