अपडेटेड 29 December 2025 at 13:24 IST

BIG BREAKING: अरावली मामले में SC ने पुराने फैसले को किया स्थगित, ऑर्डर पर लगाया स्टे; 21 जनवरी को अगली सुनवाई

Aravalli Range: अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने 20 नवंबर के पुराने फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अरावली रेंज की परिभाषा को लेकर चिंता जताई है और केंद्र से कई सवालों पर जवाब मांगा है।

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Aravalli Hills Case | Image: X/ANI

Aravalli Range: अरावली विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को फिलहाल स्थगित कर दिया है। अरावली ऑर्डर पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। साथ ही खनन पर सरकार से जानकारी भी मांगी गई है। मामले पर अगली सुनवाई अब 21 जनवरी 2026 को होगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अरावली पहाड़ियों से जुड़े 20 नवंबर के आदेश को अगली सुनवाई तक लागू नहीं होंगे। अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनी रहेगी और सभी अहम पहलुओं पर विस्तार से विचार किया जाएगा।

अरावली को लेकर भ्रम की स्थिति- CJI

अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा में हुए बदलाव को लेकर उठे विवाद को लेकर लेकर स्वतः संज्ञान लिया था। तीन जजों की बेंच ने इस पर सुनवाई की। कोर्ट में सुनवाई के दौरान नवंबर के फैसले की कुछ बातें गलत समझी जा रही हैं, जिनकी स्पष्टता जरूरी है। 

कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने के दिए आदेश

भारत के चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने अरावली की परिभाषा के मामले में जांच किए जाने वाले मुद्दों की जांच के लिए एक नई एक्सपर्ट कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार और चार राज्यों- राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और हरियाणा को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कोर्ट ने स्वीकार की थी समिति की सिफारिश 

बता दें कि 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला, अरावली पहाड़ियों की परिभाषा पर एक बड़ा फैसला सुनाया था, जिसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) की अगुवाई वाली एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया। विवाद की जड़ अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा है, जो 100 मीटर ऊंचाई के मानदंड पर आधारित है।

कोर्ट के फैसले ने अरावली पहाड़ियों की नई परिभाषा को 100 मीटर ऊंचाई की सीमा तक सीमित कर दिया है, जिसके कारण इससे कम ऊंचाई वाले पहाड़ी हिस्से पहाड़ों की श्रेणी की परिभाषा से बाहर हो गए थी। 

अरावली का इतिहास

बता दें कि अरावली पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत प्रणालियों में से एक है, जिसके लगभग दो अरब साल पुराना होने का अनुमान है। दिल्ली से गुजरात तक 650 किमी से ज्यादा फैली यह श्रृंखला हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से गुजरती है, और उत्तर-पश्चिमी भारत में एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक रीढ़ बनाती है। अरावली मरुस्थलीकरण के खिलाफ एक प्राकृतिक बाधा के रूप में काम करती है, जो थार रेगिस्तान को उपजाऊ इंडो-गंगा के मैदानों में पूर्व की ओर फैलने से रोकती है। चंबल, साबरमती और लूनी जैसी कई महत्वपूर्ण नदियां अरावली प्रणाली से निकलती हैं या उससे पोषित होती हैं।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 29 December 2025 at 12:37 IST