अपडेटेड 16 November 2024 at 17:59 IST

JNU में सभी पाठ्यक्रमों के छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपराओं का अध्ययन कराया जाएगा

JNU में इंजीनियरिंग और प्रबंधन समेत सभी पाठ्यक्रमों के छात्र शुरू किए गए एक नए वैकल्पिक पाठ्यक्रम के भाग के रूप में पारंपरिक भारतीय ज्ञान विषय का अध्ययन करेंगे।

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Jawaharlal Nehru University | Image: PTI/ Representational

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में इंजीनियरिंग और प्रबंधन समेत सभी पाठ्यक्रमों के छात्र शुरू किए गए एक नए वैकल्पिक पाठ्यक्रम के भाग के रूप में पारंपरिक भारतीय ज्ञान विषय का अध्ययन करेंगे। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह पाठ्यक्रम सभी स्कूल और केंद्रों में उपलब्ध कराया जाएगा, तथा प्रत्येक विभाग अपने विशिष्ट क्षेत्र के अनुरूप विषय-वस्तु को अनुकूलित करेगा।

भारतीय ज्ञान परम्पराएं (आईकेटी) का मतलब भारत में सदियों से विकसित ज्ञान की स्वदेशी प्रणालियों से है, जिनमें वैदिक विज्ञान, प्राचीन इंजीनियरिंग, पारंपरिक चिकित्सा और दार्शनिक ग्रंथ जैसे क्षेत्र शामिल हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) छात्रों को भारत की बौद्धिक विरासत और मूल्यों से परिचित कराने के अपने प्रयासों के तहत अकादमिक पाठ्यक्रम में आईकेटी को शामिल करने का समर्थन करता रहा है।

सूत्र ने बताया कि जेएनयू में इंजीनियरिंग के छात्र इंजीनियरिंग की पारंपरिक पद्धतियों का अध्ययन करेंगे, जबकि प्रबंधन के छात्र नए पाठ्यक्रम के तहत प्राचीन आर्थिक और प्रशासनिक प्रणालियों का अध्ययन कर सकते हैं। भारत की पारंपरिक ज्ञान पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए, जेएनयू ने हाल ही में परिसर में हिंदू, जैन और बौद्ध अध्ययन के लिए केंद्र भी स्थापित किए हैं। जेएनयू में 13 स्कूल हैं, जिनमें से प्रत्येक में विशेष शैक्षणिक विषयों के लिए समर्पित कई केंद्र हैं।

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 16 November 2024 at 17:59 IST