अपडेटेड 12 March 2024 at 13:07 IST

CAA के दायरे से इन राज्यों को रखा बाहर, अप्लाई करने वालों को किस राज्य में मिलेगी नागरिकता; जानें?

CAA States Wise: आप जिस राज्य में रह रहे हैं, वहां की नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन सभी पूर्वोत्तर राज्यों को CAA के दायरे से बाहर रखा गया है।

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सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) | Image: PTI/ Republic

CAA Implemented India State: लोकसभा चुनाव आने से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसी के साथ देश में अब सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) लागू हो गया है। जिससे बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही सबसे खास बात यह है कि आप जिस राज्य में रह रहे हैं, वहां की नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा सभी पूर्वोत्तर राज्यों को CAA के दायरे से बाहर रखा गया है। 

वहीं फॉर्म भरने के लिए दस्तावेज होना भी जरूरी नहीं किया गया है। जी हां यानी अगर अब किसी के पास कोई दस्तावेज नहीं है तो वह भी वह कारण बताकर फॉर्म भर सकता है। इसके साथ ही अगर उनके पास कोई डॉक्यूमेंट्स है तो उन्हें जानकारी देनी होगी। 

भारत के इन राज्यों के बारे में समझे

CAA के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं। इनमें गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र भी शामिल हैं।

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CCA के दायरे से इन राज्यों को बाहर क्यों रखा?

वहीं कानून के मुताबिक, CCA उन सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा, जहां देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोगों को यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) की जरूरत होती है। ILP अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में लागू है। इसलिए सीएए के दायरे से इन राज्यों को बाहर रखा गया है। 

केरल और बंगाल में भी नहीं होगा लागू 

असम, मेघालय और त्रिपुरा में भी ऐसा ही है, इसलिए अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर, असम, मेघालय और त्रिपुरा CAA के दायरे से बाहर रहेगा। वहीं विरोध के चलते केरल और बंगाल में फिलहाल CAA लागू नहीं किया जाएगा। 

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31 दिसंबर 2014 से पहले आने वालों को नागरिकता 

बता दें सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act) यानी CAA से सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 1955 में संशोधन किया गया है। इससे होगा ये कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को नागरिकता मिल जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले किसी न किसी तरह की प्रताड़ना से तंग होकर भारत आए थे। 

किन समुदायों को होगा फायदा ? 

इससे इन मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यक समुदायों को फायदा होगा जिनमें हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं। मोदी सरकार ने अपने वादे के अनुसार देशभर में CAA (Citizenship Amendment Act) लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके लिए जल्द ही ऑनलाइन पोर्टल भी जल्द शुरू हो जाएगा।

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CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए बनेगा पोर्टल 

CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए, आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदक की उपयुक्तता से संतुष्ट होने पर, अधिकार प्राप्त समिति पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा नागरिकता प्रदान कर सकती है। प्रमाणपत्र को अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा। 

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CAA का सिस्टम कैसे काम करेगा? 

गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नागरिकता के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही की जाएगी। CAA के लिए सरकार जल्द ही ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत करने वाली है। पोर्टल का नाम सिटीजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 होगा। और जो लोग योग्य होंगे सिर्फ वही लोग इसमें अप्लाई कर सकेंगे।

भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने बताया कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट की आवश्यकता इसलिए थी क्योंकि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई अल्पसंख्यक जो दशकों से भारत में आए और देश में बस गए, वे पहले वाले-संशोधित नागरिकता कानून के तहत भारतीय नागरिकता हासिल नहीं कर सकते थे। इसके चलते वो भारतीय नागरिकता के कई लाभों से वंचित थे। संशोधन के बाद अब उन्हें हमेशा हमेशा के लिए भारतीय नागरिकता हासिल हो जाएगी।

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 12 March 2024 at 12:23 IST