अपडेटेड 31 January 2023 at 16:17 IST

Special Intellegence Operations: जानिए क्या है Indian Army की खुफिया यूनिट TSD? जिसको मिला केवल एक ही कमांडर

Indian Army ने DG-MI के अंतर्गत टेक्निकल सर्विसेस डिवीजन (TSD) की शुरुआत की। इस यूनिट को इंटेलिजेंस के आधार पर स्ट्राइक करने के लिए बनाया गया था।

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PC: ADGPI | Image: self

The Gaurav Arya Show: भारतीय सेना (Indian Army) ने 2010 में सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह (Gen VK Singh) के आदेश के बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट (DG-MI) के अंतर्गत टेक्निकल सर्विसेस डिवीजन (TSD) की शुरुआत हुई। इस यूनिट को खूफिया जानकारी इकट्ठा करने और उस इंटेलिजेंस के आधार पर स्ट्राइक करने के लिए बनाया गया था। TSD को दुश्मन की सीमा के अंदर जाकर स्ट्राइक करने के लिए सक्षम बनाया गया। इस यूनिट को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों की ओर से 2008 के मुंबई हमलों के बाद शुरू किया गया था।

2008 मुंबई हमलों के बाद, तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) एम के नारायणन ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों पर हमला करने की क्षमता वाली एक भारतीय खुफिया यूनिट को शुरू करने की सिफारिश की। मार्च 2010 में, सैन्य खुफिया प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आर.के. लूंबा को सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह से TSD शुरू करने की हरी झंडी मिली।

TSD का ऑपरेशनल मैंडेट क्या था?

टीएसडी के निर्माण के लिए हरी झंडी मिलने के बाद, लेफ्टिनेंट जनरल आर के लूंबा ने कर्नल हन्नी बख्शी को यूनिट को लीड करने और इसके लिए ऑफिसर्स को रिक्रूट करने और ट्रेनिंग करने का काम सौंपा। रिपब्लिक के 'The Gaurav Arya Show' पर मेजर गौरव आर्य के साथ एक इंटरव्यू में, कर्नल हन्नी बख्शी ने बताया कि भारतीय सेना की इंटेलिजेंस सिस्टम और ऑपरेशनल कैपेबिलिटीज ने NSA नारायणन को पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के खिलाफ खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के साथ-साथ स्ट्राइक एक्शन करने में सक्षम टीम बनाने के विचार के साथ शुरु किया।

कर्नल हन्नी बख्शी ने बताया, TSD सीधे डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री इंटेलिजेंस (DF-MI) और सेना प्रमुख को रिपोर्ट करती थी। खूफिया यूनिट को शुरू करने के लिए तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की ओर से मिली ब्रीफिंग के बारे में पूछे जाने पर, कर्नल हनी बख्शी ने कहा, "यह काफी ओपन एंडेड ब्रीफ था।"

कर्नल हनी बख्शी ने मेजर गौरव आर्य से इंटरव्यू के दौरान कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना था कि देश के दुश्मनों को वहीं रखा जाए जहां उन्हें होना चाहिए।" उन्होंने आगे उस मानसिकता का खुलासा किया जो TSD को सौंपे जाने वाले अधिकारियों और कर्मियों का चयन करते समय देखी जाती थी।

कर्नल हनी बख्शी ने The Gaurav Arya Show के दौरान कहा, "मूर्खता और बहादुरी के बीच बहुत थिन लाइन होती है। मुझे TSD के लिए ऐसे लोगों को की जरूरत थी, जो बेवकूफी से बहादुर थे।" उन्होंने आगे कहा कि TSD को अनुभवी अधिकारियों की जरूरत थी, जो नेशनल लेवल पर स्ट्रटेजिक एक्शन करने में सक्षम हों।

TSD के लिए अधिकारियों को रिक्रूट करने का काम सीधे कर्नल हनी बख्शी को सौंपा गया था। जब उन्होंने शुरुआती अधिकारियों को रिक्रूट कर दिया, तब अपने सुपरविजन में उन्होंने अधिकारियों को JCO और NCO को आगे सलेक्ट करने की आजादी दी थी। 

बताते चलें कि, TSD का गठन मुख्य रूप से भारत के नॉर्थ ईस्ट और नॉर्थ इलाकों में दुश्मनों पर नजर रखने और उनके हर मूवमेंट पर खूफिया जानकारी इकट्ठा करने और गुप्त ऑपरेशंस (covert operations) करने के साथ उनके प्लानिंग पर था। हालांकि, राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए TSD के ऑपरेशंस और एक्टिविटीज की जानकारी आम लोगों के बीच नहीं रखी जाती थी।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 31 January 2023 at 16:17 IST