अपडेटेड 16 July 2024 at 14:55 IST

Snakebite Terror: फतेहपुर के विकास दुबे को 7 बार सांप ने काटा?दावे में कितनी सच्चाई, जांच में खुलासा

फतेहपुर के विकास दुबे के 7 बार सांप काटने का सच अब सामने आ गया है। CMO द्वारा गठित टीम ने जांच करके रिपोर्ट सौंप दी है।

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फतेहपुर के विकास के पीछे क्यों पड़ा है सांप? | Image: ANI

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से बीते दिन सांप के काटने का मामला सामने आया था, जिसमें एक शख्स ने दावा किया कि उसे 40 दिनों के अंदर एक सांप ने 7 बार काटा। इलाज कर रहे डॉक्टर जे सी मिश्रा के मुताबिक विकास दुबे में पहले दो बार तो सांप के काटने के लक्षण लगे लेकिन उसके बाद कोई खास सिमटम नहीं लगे। हालांकि, मामला जब खुलकर सामने आया तो इसकी जांच कराई गई और फिर सच सामने आया।

विकास दुबे को लगातार सात बार सांप काटने के मामले में CMO द्वारा गठित की गई टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट CMO फतेहपुर को सौंपी। रिपोर्ट में साफ तौर पर यह बात सामने आयी है कि विकास दुबे को स्नेक फोबिया हुआ है। सांप ने एक बार तो काटा था लेकिन उसके बाद से उसे स्नेक फोबिया के चलते बार बार ऐसा लग रहा था कि सांप काट रहा है। फिलहाल CMO ने विकास दुबे वो उसके परिवार के बालाजी राजस्थान से वापस आने के बाद विकास दुबे का इलाज साइकैट्रिस्ट से कराने के लिए कहा है।

डॉक्टर ने पहले ही फोबिया का जताया था शक

डॉक्टर ने बताया कि विकास दुबे बोल रहा था कि उसे सांप ने काटा है इसलिए हम उसका इलाज करते थे और वो दूसरे दिन वापस चला जाता था कई बार रात भर रहता था और फिर चला जाता था। हो सकता है कि उसे कोई फोबिया हो।

DFO की टीम ने किया अस्पताल का दौरा

वहीं फतेहपुर के DFO की टीम पहले विकास दुबे के घर पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला, जिसके बाद टीम रामसनेही अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टर से बात की और उन्होंने बताया कि पहले तो लगा उसका भ्रम है, लेकिन डॉक्टर से बात करने पर पता चला कि सिमटम है तो अब कल पसरों में सांप को पकड़वाएंगे।

फतेहपुर सीएमओ ने जताई मामले पर हैरानी

विकास दुबे को 40 दिन में 7 बार सांप के काटने के मामले में फतेहपुर सीएमओ राजीव नयन गिरी का कहना है कि हैरानी की बात यह है कि हर बार इलाज प्राइवेट अस्पताल में क्यों हो रहा है और विकास सकुशल बच जाता है। जबकि 7 बार सांप के काटने के बाद बचना बहुत ही मुश्किल होता है। हमारे सभी अस्पतालों में दवा ( एंटी स्नेक वेनम) मौजूद है, लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल है कि एक ही अस्पताल और एक ही डॉक्टर से क्यों इलाज कराया और इतनी जल्दी मरीज कैसे ठीक हो सकता है।

जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित

फिलहाल मामले पर जिला चिकित्साधिकारी राजीव नयन दुबे ने तीन डाक्टरों का एक पैनल गठित किया है, जो कि सभी बिंदुओं पर जांच करके रिपोर्ट दिया।

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 16 July 2024 at 14:55 IST