अपडेटेड 30 June 2024 at 14:39 IST
RSS वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने खींचा सबका ध्यान, आपातकाल के दिनों की दिलाई याद
आंबेकर ने कहा कि भारत के संप्रभु गणराज्य बनने के 25 साल के भीतर लगाए गए आपातकाल के कारण देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में पड़ी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने 1975 में लगाये गये आपातकाल के दिनों को याद करते हुए शनिवार को कहा कि यह समझना जरूरी है कि ‘‘किस तरह के लोगों, प्रवृत्तियों और कारणों की वजह से ऐसी स्थिति पैदा होती है, जब लोकतांत्रिक व्यवस्था और अधिकार खतरे में पड़ जाते हैं’’। उस समय सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना आंबेकर ने कहा कि भारत के संप्रभु गणराज्य बनने के 25 साल के भीतर लगाए गए आपातकाल के कारण देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में पड़ गये थे।
आपातकाल के दिनों को अवश्य याद रखें
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आपातकाल के दिनों को अवश्य याद रखना चाहिए, क्योंकि ये हमें बार-बार याद दिलाते रहेंगे कि किस तरह के लोगों, प्रवृत्तियों और कारणों की वजह से ऐसी स्थिति पैदा होती है, जब लोकतांत्रिक व्यवस्था और अधिकार खतरे में पड़ जाते हैं’’। आंबेकर ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को ऐसा खतरा विदेश से नहीं बल्कि आपातकाल लागू कर ‘‘हमारी अपनी राजनीतिक प्रणाली’’ से पैदा हुआ था।
वह यहां आरएसएस से संबद्ध इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (आईवीएसके) द्वारा आयोजित एक वार्षिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए मीडियाकर्मियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। आंबेकर ने कहा, ‘‘आपातकाल के समय मैं बहुत छोटा था। कई वर्षों तक विद्यार्थी परिषद से जुड़ा रहा। देश के विद्यार्थी, संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक और समाज के लोग, सभी ने मिलकर आपातकाल का विरोध किया था।’’
उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान लोगों को ‘‘विभिन्न प्रकार की प्रताड़नाओं’’ का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और संविधान ने लोगों को स्वतंत्रता और समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संविधान को अपनाए हुए 75 साल हो चुके हैं। और इस अवसर पर यह महत्वपूर्ण है कि हमें उस संविधान को भी याद रखना चाहिए।’’
आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार विभाग के प्रमुख आंबेकर ने कहा कि आरएसएस के लोगों सहित देश के लोगों ने संघर्ष कर आपातकाल को समाप्त किया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए लोगों को यह समझना चाहिए कि यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो समाज इसके खिलाफ लड़ने में सक्षम है।’’ किसी का नाम लिए बगैर आंबेकर ने कहा कि इन दिनों कुछ लोगों के लिए अपने राजनीतिक दृष्टिकोण से बयान देना एक ‘फैशन’ बन गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, मुझे लगता है कि समाज को इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि हमें सतर्क रहना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक सतर्क समाज ही अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा कर सकता है। यह लगातार ध्यान देने का समय है।’’ मीडिया की भूमिका के बारे में बात करते हुए आंबेकर ने कहा कि सच बोलना आसान नहीं है लेकिन मीडियाकर्मी समाज के हित में यह काम बखूबी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको ऐसा करते रहना चाहिए। जनहित में सच्चाई को सामने लाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने साथ ही मीडियाकर्मियों को असत्यापित और निराधार रिपोर्ट प्रसारित करने के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने कहा कि देश प्रगति कर रहा है और देशवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए देश के विकास के लिए अच्छा माहौल बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘‘कई वर्षों के बाद ऐसा मौका आया है जब हमारा देश प्रगति के लिए तैयार है और यह मौका हमारे हाथ से नहीं जाना चाहिए। यह देश के लोगों की समस्याओं को हल करने का बहुत बेहतर अवसर है।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 30 June 2024 at 14:39 IST