अपडेटेड 17 October 2024 at 12:18 IST

संजीव खन्ना बनेंगे नए चीफ जस्टिस, सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में की सिफारिश

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने केंद्र को सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की।

Follow :  
×

Share


Chief Justice of India DY Chandrachud has officially recommended Justice Sanjiv Khanna as his successor in a communication to the Union government | Image: Republic, X

New CJI: भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने केंद्र को सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश कर अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

सूत्रों के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने बुधवार को न्यायमूर्ति खन्ना को अपनी सिफारिश का पत्र सौंपा था। न्यायमूर्ति खन्ना 11 नवंबर को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश बनेंगे।

न्यायमूर्ति खन्ना 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे

18 जनवरी, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए न्यायमूर्ति खन्ना 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। अगर न्यायमूर्ति खन्ना 11 नवंबर को 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करते हैं, तो उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा और वे 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे।

कौन हैं संजीव खन्ना?

न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया तथा 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। 14 मई 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ (सीएलसी) से कानून की पढ़ाई की।

सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ उल्लेखनीय निर्णयों में चुनावों में ईवीएम के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ये उपकरण सुरक्षित हैं और इनसे मतदान केंद्रों पर कब्जा कर फर्जी मतदान करने की आशंका समाप्त हो जाती है।

वह पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने राजनीतिक दलों को वित्त पोषण देने वाली चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था। न्यायमूर्ति खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था।

यह भी पढ़ें: सपा की चौथी पीढ़ी की राजनीति में एंट्री? अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण में नजर आईं अखिलेश की बेटी आदिति
 

Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 17 October 2024 at 12:18 IST