अपडेटेड 20 February 2024 at 14:42 IST
Sandeshkhali Violence: NIA कर सकती है संदेशखाली घटना की जांच, सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए हिंसा और यौन उत्पीड़न मामले को लेकर संग्रमा बढ़ता जा रहा है।
Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए हिंसा और यौन उत्पीड़न मामले को लेकर संग्रमा बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के दौरे के बाद अब बड़ा अपडेट ये है कि हिंसा की जांच NIA कर सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने इस घटना को लेकर केन्द्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की। जिसके बाद अब ये मामला एनआईए को दिया जा सकता है। राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व अन्य एजेंसियों द्वारा केन्द्र सरकार को मुहैया करवाई गई सूचना के आधार पर जांच का अहम फैसला ले सकती है। इस घटना में राज्य के बाहर के असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं, जिनको संयोजित ढंग से हिंसा की जगह माहौल अशांत करने के लिए भेजा गया था।
एनआईए जांच की तैयारी इसलिए भी की जा रही है क्योंकि उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का जिनको आरोपी बताया जा रहा है, उनमें से ज्यादातर बंग्लादेश सीमा के पास रहते हैं। पिछले कई सालों से उनकी संदेशखाली में ऐसी गतिविधियां चल रही थी। राज्य के राज्यपाल ने केन्द्र सरकार को इस बाबत अपनी विस्तृत रिपोर्ट दे चुके हैं।
मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल
उधर, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने संसद की विशेषाधिकार समिति के नोटिस पर रोक लगा दी है. विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है. ममता सरकार की याचिका पर कोर्ट ने ये कदम उठाया है. इसके साथ ही लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया गया है और 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है. जब धारा 144 लागू है तो उसका कैसे उल्लंघन किया जा सकता है. धारा 144 लागू होने पर राजनीतिक कार्यक्रम नहीं कर सकते. सिब्बल ने कहा कि जो शिकायत दर्ज कराई गई है वो पूरी तरह से गलत कहानी पर की गई है. हम वीडियो दिखा सकते हैं. वहां जाने वाले सांसद भी उस क्षेत्र के नहीं है.
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 20 February 2024 at 09:50 IST