अपडेटेड 8 September 2024 at 23:05 IST

यूक्रेन से जंग के बीच पहले PM मोदी अब NSA डोभाल का रूस दौरा, क्या भारत लगा पाएगा संघर्ष पर विराम?

यूक्रेन से जंग के बीच पहले PM मोदी अब NSA डोभाल का रूस दौरा होने जा रहा है। पूरी दुनिया भारत को इस वक्त उम्मीद की निगाहों से देख रही है।

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NSA अजीत डोभाल का रूस दौरा | Image: 'X'/ANI

यूक्रेन-रूस जंग के बीच दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस दौरा हुआ और अब NSA अजीत डोभाल मास्को पहुंच रहे हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के लिए भारत एक सफल मध्यस्थ की तरह काम करेगा।

अजित डोभाल मॉस्को जा रहे हैं, वहां पर ब्रिक्स के 10 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक है। हालांकि, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण अजित डोभाल की रूस के NSA के साथ मीटिंग को माना जा रहा है। डोभाल मुख्य रूप से BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जा रहे हैं।

पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं NSA डोभाल

भारत ने अपनी विदेश नीति का गेयर बदला है, ऐसे में हो सकता है कि NSA डोभाल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी मुलाकात करें। बता दें, यहां चीन के NSA भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में कहा जा रहा है कि चीन के NSA से भी अजित डोभाल की बैठक हो।

PM मेलोनी और राष्ट्रपति पुतिन ने भी भारत की मध्यस्थता के लिए भरी हामी

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत के बाद कहा कि भारत और चीन इस संघर्ष का समाधान खोजने में भूमिका निभा सकते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी गुरुवार को रूस के व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच में एक पैनल चर्चा में कहा था कि भारत, ब्राजील और चीन मध्यस्थों के रूप में रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

दरअसल, राष्ट्रपति पुतिन से पूछा गया कि वे कौन से देश हैं जो रूस औ यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। इसपर उन्होंने भारत का नाम लिया। बता दें, 23 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन दौरे पर पहुंचे थे।

1991 के बाद पहली बार भारतीय पीएम पहुंचे यूक्रेन

पीएम मोदी का ये यूक्रेन दौरा 1991 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। प्रधानमंत्री की यूक्रेन की यह यात्रा मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम मोदी की शिखर वार्ता के 6 हफ्ते बाद हुई। भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 8 September 2024 at 23:05 IST