अपडेटेड 14 June 2024 at 20:28 IST
'इंद्रेश कुमार का बयान आधिकारिक नहीं', RSS ने किया किनारा; BJP पर कटाक्ष को लेकर मचा है बवाल
सूत्रों का कहना है कि आरएसएस ने इंद्रेश कुमार के बयान से खुद को अलग कर लिया है। संघ नेता इंद्रेश कुमार ने बीजेपी नेताओं को अहंकारी बताते हुए कटाक्ष किया था।
Indresh kumar: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार के भारतीय जनता पार्टी पर बयानों से एक नई बहस छिड़ चुकी है। इंद्रेश कुमार के बयानों में भारतीय जनता पार्टी के लिए कटाक्ष था। भले बीजेपी का नाम इंद्रेश कुमार ने नहीं लिया, लेकिन उनके प्रहार सीधे बीजेपी के नेताओं पर था। हालांकि जब इंद्रेश कुमार के बयान पर बहस तेज हो चुकी है तो संघ ने किनारा कर लिया है।
इंद्रेश कुमार के बयान से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दूरी बना ली है। सूत्रों का कहना है कि आरएसएस ने इंद्रेश कुमार के बयान से खुद को अलग कर लिया है। यहां तक कह दिया है कि ये उनकी (इंद्रेश कुमार) निजी हैसियत से दिया गया बयान है। इंद्रेश का बयान आधिकारिक नहीं है।
इंद्रेश कुमार ने अपने बयान में क्या कहा?
इंद्रेश कुमार कहते नजर आए कि जिन लोगों ने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें अहंकार आ गया था। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बनाया, लेकिन जो पूर्ण हक और शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के चलते रोक दी। RSS के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व प्रचारक इंद्रेश कुमार ने जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी के साथ ही INDI गठबंन को भी निशाने पर लिया। इंद्रेश कुमार ने अपने बयान में कहा कि जिन लोगों ने राम का विरोध किया, भगवान ने उनके साथ भी न्याय किया है। सभी राम विरोधी दलों ने मिलकर लड़ा फिर भी सब मिलकर एक नंबर पर नहीं आ सके। प्रभु राम ने उन्हें नंबर दो बना दिया।
मोहन भागवत ने भी किया था कटाक्ष
खैर, इंद्रेश कुमार ही नहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयानों में भी बीजेपी को लेकर कटाक्ष नजर आया। पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत इशारों-इशारों में बीजेपी के सीनियर नेताओं को अहंकारी कहकर गए। मणिपुर को लेकर सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। अब संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार के एक बयान पर विवाद है।
RSS-बीजेपी की केरल में जल्द बड़ी बैठक
इन बयानों के बीच सबसे अहम है कि कुछ दिनों में संघ और बीजेपी की बैठक होनी है। केरल में RSS की समन्वय समिति की बैठक होगी, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी भी होगी। उसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बैठक में शामिल हो सकते हैं। चुनावों के बाद आरएसएस की ये पहली बैठक होनी है, जिसमें चुनाव नतीजों को लेकर भी चर्चा संभव है। बहरहाल, सार्वजनिक रूप से दूरी और फिर बयानों की बौछार बतलाती है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच आजकल सब कुछ ठीक नहीं है।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 14 June 2024 at 17:08 IST