अपडेटेड 9 November 2024 at 11:33 IST

ऐसी सड़कों का निर्माण हो जिससे गलत इंजीनियरिंग कार्यों के कारण कोई दुर्घटना न हो: गडकरी

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ऐसी सड़कों का निर्माण हो जिससे दोषपूर्ण इंजीनियरिंग कार्यों के कारण कोई दुर्घटना न हो।

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी | Image: PTI

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया और सड़क निर्माण करने वाली एजेंसियों से ऐसी सड़क बनाने का आग्रह किया, जिससे दोषपूर्ण इंजीनियरिंग कार्यों के कारण कोई दुर्घटना न हो।

राज्य की राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में भारतीय सड़क कांग्रेस के 83वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में पराली से बिटुमेन और सीएनजी के उत्पादन पर जोर दिया और कहा कि इस कदम से न केवल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी बल्कि प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी।

उन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए कई सड़क परियोजनाओं की घोषणा की और कहा कि उनका मानना है कि राज्य में अगले दो वर्षों में अमेरिका जैसा सड़क नेटवर्क होगा।

गडकरी ने कहा, ‘‘प्रति वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.50 लाख मौतें होती हैं जो अब बढ़कर 1.68 लाख हो गई हैं। सड़क इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में कमियों को सुधारने के प्रयास जारी हैं, लेकिन दोषपूर्ण डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) ने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है।’’

उन्होंने इंजीनियरों से अपनी नौकरी छोड़कर एक अच्छी डीपीआर बनाने वाली कंपनी शुरू करने का आग्रह किया और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर काम देने का आश्वासन दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले लोगों में 60 प्रतिशत 18 से 34 वर्ष की आयु के होते हैं। मैं आपसे आग्रह करना चाहूंगा कि ऐसी सड़क बनाएं, जिससे कोई दुर्घटना न हो। सड़क इंजीनियरिंग में सुधार से दुर्घटनाओं की संख्या पर अंकुश लगेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में नियम बनाए हैं... भविष्य में अगर सड़क इंजीनियरिंग के कारण किसी की मौत होती है तो मुझे लगेगा कि मैं इसके लिए दोषी हूं।’’

अधिकारियों और इंजीनियरों की सभा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के लिए डीपीआर की सावधानीपूर्वक जांच किए बिना कोई भी निविदा जारी नहीं की जानी चाहिए।

गडकरी ने कहा कि दुर्घटना से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने अपशिष्ट से ऊर्जा प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया और छत्तीसगढ़ से पराली का उपयोग करके सीएनजी और बिटुमेन बनाने पर काम करने का आग्रह किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने पराली से बायो-बिटुमेन विकसित किया है और इसका उपयोग मेघालय में किया जा रहा है। बिटुमेन में इसका 35 प्रतिशत तक उपयोग किया जा सकता है। देश की बिटुमेन की आवश्यकता 90 लाख मीट्रिक टन है और रिफाइनरी की क्षमता 40-50 लाख मीट्रिक टन है। हम 50 लाख मीट्रिक टन आयात कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ पराली से बिटुमेन का उत्पादन शुरू कर दे तो यह अहम कदम साबित होगा और इसी तरह पंजाब तथा हरियाणा में पराली से बायो सीएनजी और बायो एलएनजी बनाने की 400 परियोजनाएं शुरू हो गई हैं।

गडकरी ने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ भी ऐसा ही करे तो पेट्रोल और डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए देश में बुनियादी ढांचे के विकास की जरूरत पर भी जोर दिया।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 9 November 2024 at 11:33 IST