अपडेटेड 5 March 2024 at 10:26 IST

Rajasthan: अचानक एक छोटे से सैलून पहुंचे CM भजनलाल, सब रह गए हक्के-बक्के; जानिए फिर हुआ क्या?

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 4 मार्च की देर रात एक छोटे से सैलून में पहुंच गए। साथ में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी पहुंचे।

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सीएम भजनलाल शर्मा बीकानेर के हेयर सैलून पहुंचे | Image: video grab/ani

CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान के मुख्यमंत्री का आम आदमी से कनेक्शन समय-समय पर सुर्खियां बटोरता है। परिवार के प्रति समर्पण भी दिखा है तो अब एक और बार वो बीकानेर पहुंचे। सैलून की दुकान पर। कस्टमर की तरह कुर्सी पर बैठे और बाल सेट कराने की गुजारिश करते भी दिखे।

अचानक सूबे के मुखिया को देख मालचंद मारू सकते में आ गया लेकिन फिर उनका सहज अंदाज देख पीएम स्वनिधि योजना से मिले लाभ के बारे में सब कुछ बता डाला!

मकसद क्या था?

मुख्यमंत्री का मकसद भी यही था। वो जानना चाहते थे कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थी की स्थिति क्या है? ये औचक निरीक्षण था और उनके साथ केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी मौजूद थे। शर्मा बीकानेर की कृषि उपज मंडी के सामने स्थित मालचंद मारू के हेयर सैलून पहुंचे थे।  

लाभार्थी ने गिनाए फायदे

मारू ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत हुए लाभ को विस्तार से बताया। ये कि 10 हजार रुपये का ऋण मिला और उसकी सभी किश्तें समय पर चुका दिया। फिर उसे दूसरे फेज में 20,000 रुपये का ऋण प्राप्त हुआ।

कोरोना में मिला संबल!

मारू के मुताबिक साल 2010 में एक स्ट्रीट वेंडर के तौर पर हेयर सैलून खोला था। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुए पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लिया। यही लोन उन्हें संबल बनाने में कामयाब रहा। खासकर कोरोना संक्रमण जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में उनके उत्साह को बनाए रखा। उन्हें विषम परिस्थिति में खड़े रहने का हौसला दिया। खास बात ये कि मारू का आयुष्मान भारत योजना के तहत भी पंजीकरण हो चुका है।

और ली थी चाय की चुस्की

दिसंबर में भजनलाल शर्मा इसी तरह सड़क किनारे चाय की थड़ी पर पहुंचे थे। वहां चाय बनाई भी थी और उसकी चुस्की भी ली थी। सीएम भजनलाल शर्मा जयपुर से भरतपुर जाते हुए मानपुर के पास पीपलकी गांव में रुक कर चाय की दुकान पर रुके थे। उन्होंने चाय की दुकान चलाने वाले मुंशी लाल गुर्जर से बात की और उनकी आर्थिक मदद भी की थी। इसके बाद वह भरतपुर के लिए रवाना हो गए थे। 

Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 5 March 2024 at 07:35 IST