अपडेटेड 29 October 2024 at 13:06 IST

झारखंड शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में आईएएस, अन्य से संबद्ध परिसरों पर छापे

धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत हाल में एक आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद रांची और रायपुर में 15 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं।

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ED Raid | Image: Representative

Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले की जांच के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी विनय कुमार चौबे, कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों और झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में कई शराब व्यापारियों एवं बिचौलियों से संबद्ध परिसरों पर छापेमारी की।

अधिकारियों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी के झारखंड कार्यालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हाल में एक आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद रांची और रायपुर में 15 परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं।

सीआरपीएफ ने ED के दलों को सुरक्षा प्रदान की

छापेमारी के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दलों ने प्रवर्तन निदेशालय के दलों को सुरक्षा प्रदान की। ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा रायपुर में सात सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी का संज्ञान लिया, जिसमें चौबे, छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी एवं छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी और चार अन्य के नाम शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि झारखंड काडर के 1999 बैच के आईएएस अधिकारी एवं वर्तमान में झारखंड पंचायती राज विभाग के सचिव चौबे, राज्य के आबकारी विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह, शराब व्यापारियों और संबंधित व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

चौबे राज्य में 2022 की आबकारी नीति के कार्यान्वयन के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव और राज्य के आबकारी सचिव थे। पुलिस की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि झारखंड शराब नीति 2022 राज्य के शराब सिंडिकेट को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी, जिससे झारखंड सरकार को नुकसान हुआ।

‘शराब की बिक्री से ‘‘अवैध’’ धन कमाने के लिए…’

इसमें दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने झारखंड में भी वैसी ही नीति बनाने में सहायता की, जैसी उन्होंने शराब की बिक्री से ‘‘अवैध’’ धन कमाने के लिए अपने राज्य में बनाई थी। प्राथमिकी में दावा किया गया है कि झारखंड में अवैध शराब का कारोबार चौबे और गजेंद्र सिंह के ‘‘संरक्षण’’ में जारी था। ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब ‘‘घोटाले’’ से जुड़े धनशोधन मामले में टुटेजा, ढेबर, त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया है।

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 29 October 2024 at 13:05 IST