अपडेटेड 6 December 2025 at 00:18 IST

Putin India Visit: पुतिन के दौरे से भारत को क्या-क्या मिला, कौन से हुए बड़े समझौते? इन मुद्दों पर कंधे से कंधे मिलाकर चलेंगे रूस-इंडिया

Vladimir Putin India Visit: पीएम मोदी ने बताया, “अब हम भारत के seafarers की polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे”

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | Image: Narendra Modi/X

Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा समाप्त करने के बाद पालम तकनीकी हवाई अड्डे से रूस के लिए रवाना हो गए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें हवाई अड्डे पर विदा किया।

चार साल बाद भारत की अपनी यात्रा पर आए प्रेसिडेंट पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया और कई मुद्दों पर चर्चा करते हुए अहम समझौता किया। आइए अब जानते हैं कि रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन की इस यात्रा से भारत को क्या-क्या मिला है। इसके साथ ही जानेंगे कि दोनों देशों के बीच किन मुद्दों पर समझौता हुआ है और ट्रंप टैरिफ को कैसे झटका लगा है...


पुतिन के दौरे से भारत को क्या-क्या मिला- बड़ी बातें 

रूसी प्रेसिडेंट पुतिन के नई दिल्ली दौरे ने भारत को कई चीजें दी हैं। उनकी इस यात्रा से रूस और भारत के बीच कई बड़े समझौते हुए हैं।

  1. रूसी प्रेसिडेंट पुतिन ने कहा, “रूस तेल, गैस, कोयला और भारत की एनर्जी के विकास के लिए जरूरी हर चीज का एक भरोसेमंद सप्लायर है। हम तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए तेल की बिना रुकावट शिपमेंट जारी रखने के लिए तैयार हैं।” रूस के द्वारा भारत को तेल बेचे जाने को जारी रखने से ट्रंप टैरिफ को झटका माना जा रहा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ इसलिए लगाया था कि भारत रूस से तेल की खरीदारी कर रहा है। ट्रंप ने भारत को रूस से तेल की खरीदारी न करने की बात कही थी।
  2. प्रेसिडेंट पुतिन ने बताया कि रूस और भारत मिलकर भारत में सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट बना रहे हैं। 
  3. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “हमारा देश पिछली आधी सदी से भारतीय सेना को सशस्त्र और आधुनिक बनाने में मदद कर रहा है, जिसमें वायु रक्षा बल, विमानन और नौसेना शामिल हैं। कुल मिलाकर, हम अभी हुई बातचीत के परिणामों से निस्संदेह संतुष्ट हैं। मैं विश्वास व्यक्त कर सकता हूं कि वर्तमान यात्रा और हुए समझौते हमारे देशों और लोगों, भारत और रूस के लोगों के लाभ के लिए रूसी-भारतीय रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने में मदद करेंगे।”
  4. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि रूस में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावास (कांसुलेट) खोले गए हैं।
  5. पुतिन ने भारत में रूस टुडे (RT) चैनल को लॉन्च किया है। 
  6. रूस और भारत के बीच रक्षा सहयोग में बहुत बड़ी डील भी होने जा रही है। रूसी सरकारी रक्षा कंपनी रोस्टेक के CEO सर्गेई चेमेजोव (Sergey Chemezov) ने घोषणा की है कि रूस ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट SU-57 की स्थानीय उत्पादन की पेशकश की है। इसके अलावा भारत में रूसी UAV जिसमें लैंसेट ड्रोन भी शामिल हैं, उनके स्थानीय उत्पादन पर भी विचार किया जा रहा है। इससे भारत की रक्षा क्षेत्र में मजबूती काफी बढ़ जाएगी। 
  7. पीएम मोदी ने बताया, “अब हम भारत के seafarers की polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे”

दोनों देशों का आतंकवाद समेत इन मुद्दों पर संयुक्त बयान

  • भारत और रूस ने शुक्रवार को आतंकवाद, उग्रवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद संयुक्त वक्तव्य में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और रूस में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा की। बयान में कहा गया, "दोनों नेताओं ने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवादी वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित ठिकानों सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने 22 अप्रैल, 2025 को भारत में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में और 22 मार्च, 2024 को रूस में मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।"
  • दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की तथा उन्हें आपराधिक और अनुचित बताया, चाहे वे किसी भी धार्मिक या वैचारिक बहाने से प्रेरित हों, चाहे वे कभी भी, कहीं भी और किसी के द्वारा भी किए गए हों।
    दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और उग्रवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के विरुद्ध बिना किसी समझौते के लड़ाई का आह्वान किया तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के ठोस आधार पर, बिना किसी छिपे एजेंडे और दोहरे मानदंडों के, इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर बल दिया।
  • दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच घनिष्ठ समन्वय की सराहना की, जिसमें दोनों देशों की सुरक्षा परिषदों के बीच संवाद तंत्र भी शामिल है। उन्होंने मॉस्को फॉर्मेट बैठकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
  • दोनों नेताओं ने आईएसआईएस और आईएसकेपी तथा उनके सहयोगियों सहित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के विरुद्ध आतंकवाद-रोधी उपायों का स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई व्यापक और व्यावहारिक होगी। बयान में आगे कहा गया कि उन्होंने अफगान लोगों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • उन्होंने मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा संयम बरतने तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून का अनुपालन करने का आह्वान किया।
  • उन्होंने ईरान परमाणु मुद्दे को बातचीत के ज़रिए सुलझाने के महत्व पर जोर दिया। बयान में आगे कहा गया कि उन्होंने गाजा में मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की और सभी संबंधित पक्षों द्वारा संघर्ष की समाप्ति, मानवीय सहायता और स्थायी शांति के लिए उनके बीच हुए समझौतों और समझ के प्रति प्रतिबद्ध रहने के महत्व पर जोर दिया।
  • जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत और रूस ने पेरिस समझौते को क्रियान्वित करने तथा निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए अपनी द्विपक्षीय वार्ता को तीव्र करने पर सहमति व्यक्त की।

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 6 December 2025 at 00:18 IST