अपडेटेड 18 October 2025 at 23:40 IST
कौन हैं DIG हरचरण सिंह भुल्लर? UPSC परीक्षा पास किए बिना ऐसे बने थे IPS, अब घर से 7 करोड़ कैश बरामद होने के बाद सरकार ने किया सस्पेंड
पंजाब पुलिस में डीआईजी रैंक तक पहुंचने वाले हरचरण सिंह भुल्लर का करियर सिविल सेवा के अन्य अधिकारियों से काफी अलग रहा। हरचरण सिंह ने राज्य पुलिस सेवा (SPS) परीक्षा उत्तीर्ण कर पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के रूप में पंजाब पुलिस में अपनी पारी शुरू की।
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किए गए डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर पर सख्त कार्रवाई की है। राज्य के गृह विभाग ने शनिवार को एक आदेश जारी करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन का यह निर्णय अखिल भारतीय सेवा नियम 3(2) के प्रावधानों के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार गिरफ्तारी के 48 घंटे बीत जाने के बाद अधिकारी स्वतः ही निलंबित माना जाता है।
गृह विभाग के आदेश में बताया गया है कि पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर (IPS) को सीबीआई ने 16 अक्टूबर 2025 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 7ए के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने क्यों किया गिरफ्तार?
सीबीआई ने यह कार्रवाई फतेहगढ़ साहिब के कबाड़ कारोबारी आकाश भट्टा की शिकायत पर की। व्यापारी ने यह इल्जाम लगाया था कि आईपीएस अधिकारी उनके खिलाफ दर्ज एक पुराने मामले को निपटाने के एवज में 8 लाख रुपये की घूस की मांग कर रहे थे।
जांच एजेंसी ने गुरुवार को भुल्लर को उनके मोहाली स्थित दफ्तर से हिरासत में लिया था। इसके बाद, उनके चंडीगढ़ आवास पर तलाशी ली गई। छापे के दौरान सीबीआई ने बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति का खुलासा किया। बरामदगी में 7.50 करोड़ रुपये नकद, 2.5 किलो सोना, 26 महंगी घड़ियां, और विदेशी शराब मिली।
नहीं पास की UPSC प्रमोशन से बने IPS
पंजाब पुलिस में डीआईजी रैंक तक पहुंचने वाले हरचरण सिंह भुल्लर का करियर सिविल सेवा के अन्य अधिकारियों से काफी अलग रहा। जहां अधिकांश अधिकारी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होते हैं, वहीं हरचरण सिंह ने राज्य पुलिस सेवा (SPS) परीक्षा उत्तीर्ण कर पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के रूप में पंजाब पुलिस में अपनी पारी शुरू की। बाद में, नियमानुसार पदोन्नति पाकर वह बिना UPSC क्लियर किए IPS अधिकारी बने।
पिता की विरासत: मेजर मेहल सिंह भुल्लर
हरचरण सिंह के जीवन में प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत उनके पिता, मेजर मेहल सिंह भुल्लर थे, जो स्वयं हरियाणा जैसे राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) रह चुके थे। मेहल सिंह ने 1960 के दशक में भारतीय सेना को जॉइन किया और 13वीं पंजाब रेजिमेंट में मेजर का पद हासिल किया। उन्होंने 1962 के चीन युद्ध, 1965 के भारत-पाक युद्ध और मिजोरम में उग्रवाद विरोधी अभियानों में अपनी वीरता और शौर्य का परिचय दिया था।
सैन्य सेवा छोड़ने के बाद, मेहल सिंह ने भारतीय पुलिस सेवा में सेवाएं दीं और 1980 तथा 90 के दशक के दौरान पंजाब में आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2002-2003 में, वह पंजाब के DGP बने।
उन्होंने उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की नीति को प्रोत्साहित किया और पंजाब आर्म्ड पुलिस (PAP) को मजबूत करने के लिए जालंधर में PAP कॉम्प्लेक्स और पुलिस डीएवी स्कूल जैसे संस्थानों की स्थापना की। खेल जगत को बढ़ावा देने के लिए भी उन्हें याद किया जाता है, उन्होंने ही मशहूर WWE रेसलर 'द ग्रेट खली' को प्रशिक्षित किया था।
हरचरण सिंह भुल्लर का सफर
SPS अधिकारी के रूप में, भुल्लर ने संगरूर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर, खन्ना, जगरों, गुरदासपुर और मोहाली सहित कई जिलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं। मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) रहते हुए उन्होंने अपराध नियंत्रण में सराहनीय कार्य किया।
2016 में, UPSC की अनुशंसा पर SPS कोटे से उनका प्रमोशन IPS में हो गया। 2023 में उन्हें पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) का पद मिला, और 27 नवंबर 2024 को उन्होंने रोपड़ रेंज, रूपनगर का प्रभार संभाला। अपनी इस नई भूमिका में, उन्होंने नशीले पदार्थों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया और अवैध व्यापार पर रोकथाम लगाई थी। वह अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े ड्रग्स केस की विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख भी रहे थे।
Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 18 October 2025 at 23:25 IST