अपडेटेड 22 May 2024 at 15:55 IST
पुणे पोर्श एक्सीडेंट में बड़ा खुलासा, छोटा राजन से बैंकॉक में मिला था आरोपी का दादा; दी थी सुपारी
पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट में अब एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। नाबालिग पोर्श ड्राइवर के परिवार को अंडरवर्ल्ड कनेक्शन निकला है।
Pune Porsche Accident: महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट में अब एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। नाबालिग पोर्श ड्राइवर के परिवार को अंडरवर्ल्ड कनेक्शन निकला है। रियल स्टेट कारोबारी अग्रवाल परिवार की एक पुरानी फाइल खुली है जिसमें आरोपी के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने अपने बड़े भाई से संपत्ति विवाद में डॉन छोटा राजन की मदद ली थी।
छोठा राजन के गुर्गों ने बाकायदा गोलीबारी भी की थी। इस मामले में उनके नाम पर हत्या की कोशिश के लिए FIR दर्ज हुई थी। पहले पुलिस ने इस मामले की जांच की फिर बाद में सीबीआई को मामला सौंप दिया गया था। मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।
बैंकॉक में हुई थी सुरेंद्र अग्रवाल-छोटा राजन की मुलाकात
केस में मुख्य आरोपी (17 साल का नाबालिग) के परिवार के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से संबंध थे। इस बात की पुष्टि खुद पुणे पुलिस ने की है। अग्रवाल परिवार के मुखिया सुरेंद्र अग्रवाल जो कि नाबालिग आरोपी के दादा हैं, उनका अपने भाई के साथ संपत्ति विवाद चल रहा था। इसी विवाद के निपटारे के लिए सुरेंद्र अग्रवाल ने साल 2007 और 2008 के बीच बैंकॉक में जाकर छोटा राजन से मुलाकात की थी।
इसके बाद अजय भोसले नाम के एक व्यक्ति की हत्या की कोशिश की गई थी। इस मामले में सुरेंद्र अग्रवाल पर भी एफआईआर दर्ज थी। उस समय इस केस में भी पुणे पुलिस सवालों के घेरे में थी, क्योंकि आम तौर पर अंडरवर्ल्ड से जुड़े मामलों में महाराष्ट्र पुलिस मकोका के तहत एफआईआर दर्ज करती है। लेकिन इस केस में आईपीसी के तहत सिर्फ सामान्य धाराएं लगाई गईं। सुरेंद्र अग्रवाल की चार्जशीट फाइल होने तक तो गिरफ्तारी भी नहीं हुई। बाद में जब छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद उसके सभी मामले सीबीआई को ट्रांसफर किए गए, तो अग्रवाल से जुड़ा ये केस भी उसमें शामिल था।
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पोर्श ने मोटरसइकिल को मारी टक्कर, दो आईटी प्रोफेशनल्स की मौत
18 मई को पुणे में 17 साल के नाबालिग ने शराब के नशे में धुत होकर हाई स्पीड पोर्श गाड़ी से 2 लोगों की जान ले ली। इस मामले में नाबालिग को पकड़ लिया गया और 15 घंटे के अंदर ही उसे जमानत भी दे दी गई। फिर कोर्ट ने उसे 300 शब्दों का रोड सेफ्टी पर एक निबंध लिखने को कहा। मामला तभी से तूल पकड़े हुए है। मृतका अश्विनी कोष्ठा और अनीश अवधिया के घर वाले लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 22 May 2024 at 12:15 IST