अपडेटेड 13 November 2024 at 17:08 IST

Marriage Law: विवाह की आयु के मुद्दे पर अगले हफ्ते अधिकारियों का पक्ष सुनेगी संसदीय समिति

Marriage age issues: संसद की एक स्थायी समिति पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की उम्र की एकरूपता के मुद्दे पर अगले सप्ताह विचार करेगी।

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संसदीय समिति विवाह की आयु के मुद्दे पर अगले हफ्ते अधिकारियों का पक्ष सुनेगी | Image: Shutterstock

Prohibition of Child Marriage Amendment Bill: संसद की एक स्थायी समिति पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की उम्र की एकरूपता के मुद्दे पर अगले सप्ताह विचार करेगी। इस संबंध में लाया जा चुका एक विधेयक 17वीं लोकसभा भंग होने के साथ निष्प्रभावी हो चुका है।

महिला और बाल विकास मंत्रालय में सचिव और ‘नेशनल कोलिशन एडवोकेटिंग फॉर एडोलसेंट कंसर्न्स’ (एनसीएएसी) तथा ‘यंग वॉइसेस कैंपेन’ के प्रतिनिधि 22 नवंबर को संसदीय समिति की बैठक में उसके समक्ष प्रस्तुत होंगे। बैठक में विवाह की आयु में प्रस्तावित बदलावों और महिलाओं संबंधी अन्य विधेयक पर चर्चा होगी।

बैठक के एजेंडे के अनुसार कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति विभिन्न वैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज पर महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव का पक्ष सुनेगी। इन संस्थाओं में राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, केंद्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) और राष्ट्रीय सार्वजनिक निगम एवं बाल विकास संस्थान शामिल हैं।

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 को दिसंबर 2021 में लोकसभा में पेश किया गया था और इसे स्थायी समिति को भेजा गया। समिति के इस पर विचार करने के लिए उसका कार्यकाल कई बार बढ़ाया गया। अंतत: 17वीं लोकसभा के भंग होने के साथ विधेयक निष्प्रभावी हो गया।

विधेयक निष्प्रभावी होने के बाद भी मुद्दों पर विचार करने के बारे में पूछे जाने पर समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘इस मुद्दे को लेने पर कोई रोक नहीं है।’’ बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 का उद्देश्य बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 में संशोधन करके लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष करना है।
 

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 13 November 2024 at 17:08 IST